Kerala plane crash: dead bodies of pilot and co-pilot handed over to family

  • देश के बेहतरीन पायलट थे कैप्टन दीपक साठे और अखिलेश.
  • अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद विमान हादसे को नहीं रोक पाए और न्योछावर कर दिए अपने प्राण.

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नयी दिल्ली.  एक खौफनाक अंदाज में कल  शुक्रवार को दुबई से 190 लोगों के साथ आ रही एअर इंडिया एक्सप्रेस की एक उड़ान  कोझिकोड एयरपोर्ट पर  भारी बारिश के बीच लैंडिंग के दौरान हवाईपट्टी पर फिसलने के बाद खाई में जा गिरी।  इसमें हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई है । मृतकों में मुख्य पायलट कैप्टन दीपक साठे और उनके सह-पायलट अखिलेश कुमार भी शामिल हैं।

कहा जा रहा है कि इस हादसे को टालने में दोनों कुशल पायलटों  ने बहुत कोशिश की।  लेकिन विमान को इस दुर्भायपूर्ण हादसे की चपेट में आने से नहीं बचा सके।  विदित हो कि कैप्टन अखिलेश और दीपक साठे दोनों की गिनती देश के बेहतरीन पायलटों में की जाती थी, जो इस हादसे में विमान को बचने कि कोशिश में अपनी जान गंवा बैठे। 

मरहूम दीपक साठे भारतीय वायु सेना (IAF) के पूर्व विंग कमांडर थे और इतना ही नहीं , उन्होंने एयरफोर्स के उड़ान परीक्षण प्रतिष्ठान में अपनी सेवा भी प्रदान  की थी।  कैप्टन दीपक ने अपने  एयरफोर्स के बैकग्राउंड और अपने कुशल एविएशन एक्सपीरियंस के दम  पर कोझिकोड में विमान को बचाने की बहुत कोशिश की थी ।  लेकिन इन तमाम कोशिशों के बावजूद यह विमान इस भयानक हादसे का शिकार हो गया।  

एयर इंडिया में कार्य करने वाले दीपक के मित्र और एयर मार्शल भूषण गोखले (सेवानिवृत्त) ने बताया, ‘‘कैप्टन दीपक वी साठे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे के 58वें पाठ्यक्रम से थे। वह जूलियट स्क्वाड्रन से थे।” उन्होंने कहा कि साठे जून 1981 में एयर फोर्स एकेडमी से सोर्ड ऑफ ऑनर के साथ उत्तीर्ण हुए थे और भारतीय वायु सेना में एक लड़ाकू पायलट थे। उन्होंने कहा कि साठे एक उत्कृष्ट स्क्वैश खिलाड़ी भी थे। यही नहीं दीपक साठे को उनकी काबिलियत के दम  पर एयरफोर्स अकेडमी का प्रतिष्ठित ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ सम्मान भी मिल चुका था।  एयरफोर्स की अपनी नौकरी के बाद दीपक ने एयर इंडिया की कॉमर्शियल सर्विसेज जॉइन कि थी।  उनके  पिता सेना में ब्रिगेडियर थे और  उनके एक भाई करगिल युद्ध में शहीद हो गए थे।  इस प्रकार कप्तान दीपक साठे का परिवार देश प्रेम से ओतप्रोत एक अत्यंत शिष्ट और नामी परिवार है। 

दीपक साठे देश के उन चुनिंदा पायलट्स में से एक थे, जिन्होंने एयर इंडिया के एयरबस 310 विमान और बोइंग 737 को भी उड़ाने का सम्मान प्राप्त किया था।   कोझिकोड हादसे ने कल देश के दो बेहतरीन पायलट छीन लिए हैं ।