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नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) प्रशासन से जन सुरक्षा अधिनियम के तहत महबूबा मुफ्ती (Mahbooba Mufti) की हिरासत के खिलाफ दायर उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती की नई याचिका पर मंगलवार को जवाब मांगा।

न्यायालय ने कहा कि किसी को हमेशा हिरासत में नहीं रखा जा सकता और कोई बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए। न्यायमूर्ति एस. के. कॉल और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को पार्टी की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए अधिकारियों से अनुरोध करना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने इल्तिजा मुफ्ती और उनके भाई को मां महबूबा मुफ्ती से हिरासत में मिलने की अनुमति दी।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने संबंधी संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभक्त करने के पिछले साल पांच अगस्त के सरकार के फैसले के पहले से हिरासत में रखा गया है।