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नयी दिल्ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्यसभा के उन सदस्यों से बात की जिन्हें कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन करने की वजह से निलंबित किया गया है। उन्होंने उनके द्वारा संसद के मूल्यों को कायम रखने की कोशिश की प्रशंसा की।

उल्लेखनीय है कि कृषि से जुड़े दो विधेयकों के पारित होने के दौरान संसद के उच्च सदन में अभूतपूर्व रूप से अनियंत्रित दृश्य देखने को मिला जिसके एक दिन बाद आठ सदस्यों को निलंबित कर दिया गया और अब वे विपक्षी पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ निलंबन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बताया, “मुख्यमंत्री ने सांसदों से करीब 10 मिनट तक बात की और कृष विधेयकों के खिलाफ उनकी लड़ाई और संसद के मूल्यों को कायम रखने की उनकी कोशिश की प्रशंसा की।”

ममता बनर्जी ने सुबह सरकार के इस कदम की निंदा करते हुए ऑडियो संदेश जारी किया था जिसमें उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह खुद को ताकतवर बनाने के लिए राज्यों को शक्तिविहीन बनाने की सभी कोशिशें कर रही है।

गौरतलब है कि सरकार ने सोमवार को एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुण बोरेन और सैय्यद नाजीर हुसैन, भाकपा सदस्य केके रगेश और एलामारम करीब को निलंबित करने की मांग की गई। इस प्रस्ताव को ध्वनि मत से स्वीकार कर लिया गया और उल्लेखित सांसदों को शेष मानसून सत्र से निलंबित कर दिया गया। (एजेंसी)