कोलकाता: यास चक्रवात (Cyclone Yaas) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ तय बैठक में नहीं पहुंचे पर उठे विवाद पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सफाई दी है। शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में ममता ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की जानकारी हमें देरी से दी गई, उसके पहले ही मेरी अन्य कार्यक्रम ताऊ हो चुके थे। वहीं मौसम ख़राब होने के वजह से बैठक में पहुंचने में लेट हुआ।”
एसपीजी ने हमें बाहर बैठाया
ममता बनर्जी ने कहा, “हम पहुंचे तो बैठक शुरू हो चुकी थी। उन्होंने हमें बैठने को कहा, मैंने उनसे कहा कि हमें रिपोर्ट जमा करने के लिए एक मिनट का समय दें। एसपीजी ने बताया कि बैठक 1 घंटे बाद होगी।”
नेता प्रतिपक्ष सुभेंदु अधिकारी को बैठक में बुलाए जाने पर सवाल उठाते हुए ममता ने कहा, “मैंने सम्मेलन कक्ष में खाली कुर्सियाँ देखीं; बताया गया कि बैठक सीएम और पीएम के बीच थी। लेकिन बीजेपी के अन्य नेता वह क्यों मौजूद थे?”
We told PM that we've to go to Digha as weather is not good. We visited Patharpratima & other places, though weather did not permit. We went there to meet PM to hand over the project report. I handed over the report to him and took his permission before we left: West Bengal CM
— ANI (@ANI) May 29, 2021
मुझे बदनाम करने की कोशिश
टीएमसी प्रमुख ने खुद को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा, “एक योजना के तहत, मीडिया में दिखाई जारहे चीते में वे कुछ खाली कुर्सियाँ दिखा रहे थे। जब मैंने राजनीतिक दल के नेताओं को देख, जो बैठक में शामिल होने के हकदार नहीं थे, तो मैं वहां क्यों क्यों बैठूंगी।”
पीएम से अनुमति लेकर निकले
बैठक से निकलने पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने पीएम से कहा कि हमें दीघा जाना है क्योंकि मौसम अच्छा नहीं है। हमने पाथरप्रतिमा और अन्य स्थानों का दौरा किया, हालांकि मौसम ने अनुमति नहीं दी। हम वहां प्रोजेक्ट रिपोर्ट सौंपने के लिए पीएम से मिलने गए थे। मैंने उन्हें रिपोर्ट सौंप दी और हमारे जाने से पहले उनकी अनुमति ले ली।”
What was our fault? Why in the last two years there was no requirement of parliamentary opposition leaders or why not in Gujarat opposition leaders were called (at meetings)? After I took the (CM) oath, Governor spoke about law & order and central teams were sent: West Bengal CM
— ANI (@ANI) May 29, 2021
मुझे अपमानित किया किया गया
ममता ने मीडिया रही खबरों पर कहा, “मुझे बुरा लगा। उन्होंने पीएमओ द्वारा प्रसारित एकतरफा सूचना को चलाकर मुझे अपमानित किया। जब मैं काम कर रहा था तो वे ऐसा कर रहे थे। लोगों के लिए मैं आपके चरण स्पर्श करने को तैयार हूं। यह राजनीतिक प्रतिशोध बंद करो।”
मुख्य सचिव के तबादले का आर्डर ले वापस
मुख्या सचिव बन्धोपाध्या के तबादले को वापस लेने की मांग करते हुए ममता ने कहा, “मैं प्रधान मंत्री से अनुरोध करता हूं कि मुख्य सचिव (डीओपीटी से जुड़े) के इस आदेश को वापस लें और हमें काम करने दें। कुछ शिष्टाचार होना चाहिए। केंद्र राज्य को काम नहीं करने दे रहा है। बंगाल मेरी प्राथमिकता है और मैं इसे कभी खतरे में नहीं डालूंगी। मैं यहां के लोगों के लिए सुरक्षा गार्ड बनी रहूंगी।”
केंद्र भेदभाव कर रहा
बैठक में सुभेंदु अधिकारी को बुलाए जाने पर सवाल उठाते हुए टीएमसी प्रमुख ने कहा, “हमारा क्या कसूर था? पिछले दो वर्षों में संसदीय विपक्षी नेताओं की कोई आवश्यकता क्यों नहीं थी या गुजरात में विपक्षी नेताओं को (बैठकों में) क्यों नहीं बुलाया गया? मेरे (सीएम) शपथ लेने के बाद, राज्यपाल ने कानून और व्यवस्था के बारे में बात की और केंद्रीय टीमों को भेजा गया।”
बंगाल को बदनाम मत करो
मुख्यमंत्री ने केंद्र पर राजनीतीक प्रतिशोध लेने का आरोप लगते हुए कहा, “मेरा इस तरह अपमान मत करो, बंगाल को बदनाम मत करो। मेरे सीएस, एचएस और एफएस हर समय बैठकों में भाग ले रहे हैं, वे केंद्र के लिए काम कर रहे हैं, वे राज्य की नौकरी कब करेंगे। क्या आपको नहीं लगता कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है।”
Don't insult me like this, don't defame Bengal. My CS, HS, and FS are attending meetings all the time, they are working for the Centre, when will they do the State job. Don't you think it's a political vendetta: West Bengal CM
— ANI (@ANI) May 29, 2021
ज्ञात हो कि, शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने यास तूफान को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में राज्यपाल और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी शामिल हुए। बैठक में न तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंची न ही बंगाल सरकार का कोई अधिकारी। बैठक शुरू होने के आधे घंटे के बाद मुख्यमंत्री और राज्य के मुख्य सचिव बन्धोपाध्याय पहुंचे।
प्रधानमंत्री की बुलाई बैठक में नहीं पहुंचने पर विवाद बढ़ गया। केंद्रीय मंत्रियों समेत सभी बड़े नेताओं ने मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए ममता के इस व्यवहार अनुचित और संविधान का उल्लंघन बताया।