बेंगलुरु, आखिर चौदह साल सलाखों के पीछे रहते हुए भी अगर कोई अपना डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर ले तो यह कोई करिश्मे से कम नहीं है। करिश्मे से ज्यादा हम इसे उस व्यक्ति कि लग्न, दृढ़-इच्छाशक्ति और प्रतिभा
बेंगलुरु, आखिर चौदह साल सलाखों के पीछे रहते हुए भी अगर कोई अपना डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर ले तो यह कोई करिश्मे से कम नहीं है। करिश्मे से ज्यादा हम इसे उस व्यक्ति कि लग्न, दृढ़-इच्छाशक्ति और प्रतिभा का लोहा भी मान सकते हैं ,जो काल कोठरी में रहते हुए भी अपने डॉक्टर बनने के बचपन के सपने का पीछा करते हुए अपना मुकाम हासिल कर लेता है।
बात हो रही है मुलतः महाराष्ट्र के सुभाष पाटिल की जिन्हे नवंबर 2002 में बेंगलुरु पुलिस ने महालक्ष्मी लेआउट में उनके घर पर एक्साइज कॉन्ट्रैक्टर अशोक गुत्तेदार को फंसे मारने के कारन गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप था कि नवंबर 2002 को उन्होंने अशोक को गोलियों से भून डाला था। जब सुभाष कलबुर्गी के एमआर मेडिकल कॉलेज में तीसरे वर्ष के छात्र थे , तब उन्हें उक्त घटने के चलते गिरफ्तार किया गया था। सुभाष के साथ-साथ उनकी प्रेमिका और अशोक की पत्नी पद्मावती को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। दोनों को उनके अच्छे आचरण के आधार पर 2016 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रिलीज़ किया गया था।
Kalaburagi:Subhash Patil who was convicted for 14yrs, realises his dream of becoming a doctor,says,I joined MBBS in’97,but in ’02 I was jailed in a murder case.I worked at jail’s OPD;After release in 2016 for good conduct,completed MBBS in ’19, today I’ve completed 1yr internship pic.twitter.com/fE5kNleymY
— ANI (@ANI) February 15, 2020
जेल में रहते हुए सुभाष ने 2007 में पत्रकारिता में डिप्लोमा और 2010 में कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय (केएस) से पत्रकारिता में एमए भी पूरा किया है। बाद में सुभाष ने राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरजीयूएचएस) से 23 अगस्त 2016 को एमबीबीएस जारी रखने की अनुमति मांगी थी। विश्वविद्यालय ने भी उन्हें 29 सितंबर, 2016 को कानूनी राय लेने के बाद मंजूरी दे दी थी ।
आज सुभाष पाटिल ने डॉक्टर बनने के अपने सपने को साकार कर लिया है। साल 2019 में उन्होंने अपना एमबीबीएस पूरा कर लिया है। आज उनके इंटर्नशिप को 1 साल भी पूरा हो गया है। सुभाष कहते हैं कि लोग परिस्थितियों के कारण जेल में आते हैं, लेकिन यह एक अच्छा जीवन जीने का अंत नहीं हो सकता और हमारे अच्छे समय की वापसी हमेशा संभव है।