Nirmala Sitharaman

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    नई दिल्ली: देश में जिस तरह पेट्रोल-डीजल (Petrol- Diesel) के दामों बढ़ोतरी हो रही है, उससे आम जनता (Common People) त्राहि त्राहि कर रही है। ईंधन की बढ़ती कीमत के वजह से सरकार (Central Government) भी चिंता में पड़ गई है। इसी को लेकर वित्तमंत्री निमला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman ) ने कहा, “तेल की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए उसे जीएसटी के दायरे में लाना पड़ेगा।” रविवार को चेन्नई में सिटीजन फोरम में बजट पर बात करते हुए कही।

    राज्य और केंद्र को बात करनी होगी

    वित्तमंत्री ने कहा, “ईंधन की कीमत बढ़ना बेहद अफ़सोस जनक है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों इससे कमाई करते हैं। अगर ईंधन को भी जीएसटी के अंदर लाया जाए तो बढ़ती कीमतों को रोका जा सकता है। इसके लिए जीएसटी काउन्सिल को स्लैब्स को लेकर चर्चा शुरू होगी।” उन्होंने कहा, “मैं ऐसे समय में रह रही हूँ, जहां अगर मै कोई भी अस्पस्टीकरण दूँ तो लोगों को लगेगा मैं उलझने की कोशिश कर रहीं हूँ, अपनी जिम्मेदारी से भाग रही हूँ।”

    कोई भी वित्तमंत्री लोगों को संतुष्ट नहीं कर सकता

    सीतारमण ने कहा, “इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार को एक मत होना पड़ेगा और चर्चा शुरू करना होगा, जिससे हम इस समस्या का समाधान खोज सके और उसे हल कर सके।” उन्होंने कहा, “यह बेहद तकलीफ देने वाला विषय है, कोई भी वित्तमंत्री लोगों को संतुष्ट नहीं कर सकता है। क्योंकि एक भारतीय एक भारतीय है जिनमें से एक मैं भी हूँ।”

    ज्ञात हो कि, 2020 की शुरुआत में पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 19.98 रुपये थी, जो अब बढ़ाकर 32.98 रुपये कर दी गई है. इसी तरह डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 15.83 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 31.83 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है. केंद्र के साथ राज्य सरकार भी पेट्रोल-डीजल पर VAT बढ़ाया है. जो हर राज्य का अलग अलग है। पेट्रोल का बेस प्राइस 31.82 रुपये प्रति लीटर है, ऐसे में केंद्र और राज्यों का टैक्स मिलाकर देखा जाए तो वो बेस प्राइस से 180 फीसदी के करीब टैक्स लेती हैं. इसी तरह सरकारें डीजल के बेस प्राइस से 141 फीसदी टैक्स वसूल रही हैं.