Boris and Modi

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    नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (British PM Boris Johnson) के साथ ‘ऑनलाइन’ शिखर बैठक की। इस बैठक का मकसद स्वास्थ्य और व्यापार समेत विभिन्न क्षेत्रों में रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाना था। इस मौके पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने एक अरब पौंड मूल्य के ब्रिटेन-भारत व्यापार और निवेश की घोषणा की।

    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार इस व्यापार और निवेश से ब्रिटेन में 6,500 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। इस पैकेज में ब्रिटेन में 53.3 करोड़ पौंड का नया भारतीय निवेश शामिल है। इससे स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 6,000 से अधिक रोजगार सृजित होने का अनुमान है।

    बयान के अनुसार इसमें सीरम इंस्टीट्यूट का 24 करोड़ ग्रेट ब्रिटेन पौंड (जीबीपी) निवेश शामिल है। यह निवेश ब्रिटेन में टीका कारोबार और नये बिक्री कार्यालय में किया जाएगा। इससे एक अरब डॉलर से अधिक का नया कारोबार सृजित होने का अनुमान है। दोनों पक्ष शिखर सम्मेलन के समापन पर 10 वषीय रूपरेखा जारी कर सकते हैं। इस रूपरेखा का उद्देश्य संबंधों को और मजबूत बनाना है।

    शिखर सम्मेलन से पहले विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा था कि बैठक बहुआयामी रणनीति संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने और द्विपक्षीय हितों से जुड़े क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिये एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।

    मंत्रालय ने कहा था, “शिखर सम्मेलन के दौरान एक व्यापक रूपरेखा जारी किया जाएगा। यह अगले दशक में पांच प्रमुख क्षेत्रों में भारत-ब्रिअेन सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने का रास्ता साफ करेगा।”

    जॉनसन को पिछले महीने भारत की यात्रा पर आना था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण उनकी यात्रा टल गयी। इससे पहले, जनवरी में भी, जॉनसन की गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने के लिये भारत आने की योजना थी, लेकिन ब्रिटेन में महामारी फैलने के कारण यात्रा टल गयी। (एजेंसी)