Modi government aims to reduce road accidents by 50 percent by 2024
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नयी दिल्ली. भारत में स्विट्जरलैंड के मशहूर दावोस (Davos) से कहीं अधिक सुंदर और सुरम्य हिल स्टेशन के विकास की योजना है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बताया कि लद्दाख (Ladakh) में जोजीला सुरंग (Jojila Tunnel) और जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के जेड-मोड़ के बीच 18 किलोमीटर के इलाके में इसे बसाया जाएगा।

लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपालों के साथ इस विषय में अगले सप्ताह एक बैठक आयोजित की जाएगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्रालय के प्रभारी काबीना मंत्री गडकरी ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हम एक पर्वतीय नगर बसाना चाहते हैं जो दावोस (स्विट्जरलैंड) से अधिक रमणीय होगा। इसे ऊंचाई वाले जोजीला सुरंग ओर जेड-मोड़ के बीच 18 किमोमीटर के इलाके में बसाने की योजना है…यह विश्वस्तर की परियोजना होगी। इससे लद्दाख और जम्मू-कश्मीर, दोनों जगहों की गति बदल जाएगी। इससे रोजगार के भारी अवसर उत्पन्न होंगे।”

जोजीला दर्रा सुद्र तल से 11,578 मीटर की ऊंचाई पर श्रीनगर-कर्गिल-लेह मार्ग पर पड़ता है। गडकारी ने कहा कि इस परियोजना के लिए लद्दाख और जम्मू-कशमीर के उप-राज्यपालों की बैठक बुलाई गयी है। इसके लिए जमीन शेयर पूंजी के रूप में लेने का विचार है। परियोजना छह साल में पूरा करने का लक्ष्य है। इसका मानचित्र स्विट्जरलैंड के किसी वास्तुकार से बनवाया जाएगा।

जोजीला सुरंग का निर्माण हो रहा है । इसके बन जाने पर यह एशिया में सबसे बड़ी सुरंग होगी। गडकरी ने अक्टूबर में इस सुरंग के कार्य का उद्घाटन किया था। इसके बन जाने से श्रीनगर और लेह के बीच रास्ता साल भर सुगम हो जाएगा और समय की भी बचत होगी। सुरंग पर लगात 11,000 करोड़ रुपये आने का अनुमान है।

गडकरी को लगता है कि उनका मंत्रालय लगत में कमी कर के खजाने की 5000 करोड़ रुपये की बचत कर सकता है। प्रस्तावित हिल स्टेशन के चालू हो जाने पर इस सुरंग से आवाजाही और पथ-शुल्क की वसूली बढ़ेगी। (एजेंसी)