कोलकाता: नारद स्टिंग मामले (Narada Sting Case) में सोमवार को पश्चिम बंगाल (West Bengal) के वरिष्ठ मंत्रियों की गिरफ्तारी (Arrest) के बाद मंगलवार सुबह को पुलिस टीएमसी नेता सुब्रत मुखर्जी (TMC leader Subrata Mukherjee) को कोलकत्ता के एसएसकेएम अस्पताल लेकर पहुंची है। बतया जा रहा है कि उनका यहां मेडिकल कराया जाएगा। बता दें कि, सोमवार को सीबीआई ने मुख़र्जी सहित तीन लोगों को अरेस्ट किया था। टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) के समर्थक सोमवार को सीबीआई कार्यालय (CBI) के बाहर बड़ी संख्या में जमा हो गए थे। तृणमूल कांग्रेस के समर्थक सीबीआई और केंद्र की भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
नेताओं की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी समर्थक भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जानकारी मिली है कि, गुस्से से भड़के कार्यकर्ताओं द्वारा सीबीआई दफ्तर पर पत्थर भी फेंके।मामले में राज्य के दो मंत्रियों तथा तृणमूल के एक विधायक की गिरफ्तारी के बाद सीएम ममता बनर्जी भी सीबीआई कार्यालय पहुंचीं थीं। सीबीआई का दफ्तर के बहार एतियातन सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। यहां पर बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए थे और कोलकाता पुलिस के जवान भी बड़ी संख्या में यहां मौजूद हैं।
West Bengal: Police brings TMC leader Subrata Mukherjee to SSKM Hospital, Kolkata.
CBI arrested Mukherjee and 3 others in connection with Narada case yesterday. pic.twitter.com/B8Vg7Nruh9
— ANI (@ANI) May 18, 2021
बता दें कि, सीबीआई ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा के साथ पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी को नारद स्टिंग मामले में कोलकाता में गिरफ्तार किया। नारद स्टिंग मामले में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन लिए जाने के मामले का खुलासा हुआ था। गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों और एक विधायक तथा एक पूर्व नेता को सोमवार देर रात कोलकाता में प्रेसीडेंसी करेक्शनल होम ले जाया गया। केंद्रीय जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने इस बारे में बताया।
मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और पूर्व नेता शोभन चटर्जी को चिकित्सकीय जांच के बाद निजाम पैलेस स्थित सीबीआई के दफ्तर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जेल ले जाया गया। जेल के भीतर ले जाते समय इन चारों नेताओं के परिजन जेल के बाहर मौजूद थे। हकीम ने निजाम पैलेस के बाहर कहा, ‘‘मुझे न्यायपालिका में पूरा भरोसा है। भाजपा मेरे उत्पीड़न के लिए किसी का भी इस्तेमाल कर सकती है।” इस दौरान कोलकाता नगर निगम के प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष की आंखें नम थीं। उन्होंने कहा कि महामारी के इस वक्त में वह कोलकाता के लोगों की सेवा का अपना फर्ज पूरा नहीं कर सके। मित्रा ने कहा, ‘‘मुकुल (रॉय) और शुभेंदु (अधिकारी) को छोड़कर हम सभी बुरे हैं।”
मामले में रॉय और अधिकारी भी आरोपी हैं जिन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। स्टिंग ऑपरेशन के दौरान वे तृणमूल नेता थे लेकिन अब वे भाजपा विधायक हैं। चटर्जी ने कहा, ‘‘मैं कोई डकैत नहीं हूं। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है जो सीबीआई मुझे गिरफ्तार करने मेरे बेडरूम में घुस आये।” इन चारों नेताओं को सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया था। नारद स्टिंग टेप मामले में गिरफ्तार नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने आरोपपत्र भी दाखिल किया है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में तृणमूल के नेताओं को जमानत दे दी थी लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के इस आदेश के अमल पर रोक लगा दी। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि विशेष अदालत के आदेश पर रोक लगाना ही सही होगा। न्यायालय ने अगले आदेश तक सभी अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजने का भी आदेश दिया। नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में एक कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए।