पेरिस/नयी दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार दुनिया भर की मीडिया पर नजर रखने वाली संस्था रिपोर्टर्स सैन्स फ्रंटियर्स (RSF) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का नाम अब मीडिया पर दबाव बनाने वाले दुनिया के प्रमुख नेताओं में शामिल कर दिया है। ‘प्रिडेटर्स ऑफ प्रेस फ्रिडम’ (Predators of Press Freedom) यानी मीडिया की आजादी छीनने वाले नेताओं की सूची के साथ-साथ PM मोदी को उन नेताओं की सूची में भी शामिल हो चुके हैं जो निर्दयी चीजें पसंद करते हैं। इतना ही नहीं PM मोदी का नाम उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जैसे नेताओं की सूची में भी शामिल हो चूका है, जो अपने तानाशाही व्यवहार के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं।
RSF unveils a list of “Press freedom predators”, those of 37 heads of state or government who crack down massively on #PressFreedom – which for the first time includes two women and a European predator.https://t.co/GtUtI399Mf pic.twitter.com/QesecGWkz7
— RSF (@RSF_inter) July 5, 2021
Courtsey: RSF
दरअसल मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला करने वाले दुनिया भर के 37 बड़े नेताओं की एक सूची तैयार की गई है। इनमें ईरान के अली खामेनी, सीरिया के बशर अल-असद, म्यांमार के सेना जनरल मिनन आंग हिलिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो भी शामिल हैं।
सूची में कई महिलाएं भी हैं शामिल:
RSFके मुताबिक इस 5 साल में पहली बार जारी की गई सूची में ‘प्रिडेटर्स ऑफ प्रेस फ्रिडम’ के कुछ नेताओं ने तो दशकों से मीडिया पर दबाव बना के रखा है। वहीं कुछ नेताओं को हाल ही में इस सूची में शामिल किया गया है।
RSF द्वारा जारी सूची में पहली बार महिला नेताओं को भी शामिल किया गया है। इस सूची में बांग्लादेश की शेख हसीना और हांगकांग की कारीर लाम भी प्रमुखता से शामिल हैं। इसके अलावा इस सूची में हंगरी के विक्टर ओरबान भी शामिल हुई हैं।पता हो कि RSF का मुख्यालय फ्रांस में है और यह एक गैर-सरकारी संगठन है। यह संस्था मीडिया की आजादी की रक्षा के लिए प्रमुखता से काम करती है।
कुछ नेता तो पत्रकारों की हत्या में हैं शामिल :
RSF की मानें तो मीडिया की स्वतंत्रता पर दबाव डालने के लिए इन सभी नेताओं ने सेंसरशिप, पत्रकारों को सीधे कारावास या उनके खिलाफ हिंसा भड़काने का भी खतरनाक काम या सहारा लिया है। इतना ही नहीं इनमे से कुछ नेता तो पत्रकारों की हत्या में भी शामिल रह चुके थे।
क्या कहना है PM मोदी के बारे में?
अब इन्ही RSF ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी को ‘प्रिडेटर सिन्स टेकिंग ऑफिस’ यानी एक ऐसा नेता जो सत्ता में आने के बाद से ही मीडिया पर दबाव बना रहा है। इस रिपोर्ट की प्रस्तावना में यह भी कहा गया है कि भारत 2021 में अब मीडिया की स्वतंत्रता की वैश्विक सूची में 180 में से 142 वें स्थान पर है। हालाँकि भारत की मोदी सरकार ने भारत ने बीते अब तक RSF की सूची पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है।
PM मोदी ने हमेशा फैलाई झूठी सूचना :
RSF का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में लोकप्रियता और झूठी सूचनाओं के आधार पर मीडिया की आजादी को अपना शिकार बनाते है। इसमें यह भी पुरजोर कहा गया है कि PM मोदी अपने लिए काम कर रहे दक्षिणपंथी पारिस्थितिकी इकोसिस्टम की मदद से उनका विरोध करने वाले मीडिया दबाव और जोर-जबरदस्ती बना रहे हैं।
मीडिया मालिकों के साथ PM मोदी के अच्छे संबंध :
RSF की मानें तो PM मोदी अपने भाषणों का उपयोग मेनस्ट्रीम मीडिया को प्रभावित करने के साथ-साथ देश में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए ही करते हैं। वहीं मीडिया के अमीर मालिकों से PM मोदी के हमेशा से अच्छे संबंध हैं। दोनों तरफ से ये लोग एक दूसरे की मदद करते रहते हैं। भारत में अधिकतर पत्रकार कभी मोदी सरकार की आलोचना नहीं करते क्योंकि कई मीडिया मालिक हैं जिनके PM मोदी से बहुत अच्छे संबंध हैं। दूसरी ओर, मोदी मीडिया का उपयोग करके भाषण देते हैं, जिसमें अक्सर गलत और भ्रामक सूचना होती है। इन भाषणों से समाचार चैनलों को बड़े दर्शकों के लिए उपलब्ध होते हैं। यही कारण है कि सवाल पूछने वाले पत्रकारों को दबाने की ताकत यहाँ सिर्फ PM मोदी के ही पास है।
गौरी लंकेश का भी रहा उल्लेख :
इसी प्रकार RSF ने 2017 गौरी लंकेश हत्याकांड का भी उल्लेख किया और कहा कि, “एक लोकप्रिय चेहरा जो उसी हिंदू समर्थक विचारधारा का शिकार हुआ जिसमें अब PMमोदी की पूजा होती है।” इस प्रकार RSF की नजर में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तानाशाहों की श्रेणी में आते हैं।