नयी दिल्ली. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा (Priyanka Gandhi Wadra) ने कोरोना (Corona) वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के लिए केंद्र सरकार की ‘लापरवाही’ को जिम्मेदार ठहराते हुए शनिवार को कहा कि अगर केंद्र ने पहली एवं दूसरी लहर के बीच मिले समय में योजनाबद्ध ढंग से तैयारी की होती तो इस संकट को टाला जा सकता था। सरकार से प्रश्न पूछने की अपनी श्रृंखला ‘जिम्मेदार कौन’ के तहत उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए यह सवाल किया कि केंद्र ने महामारी वाले साल 2020 में ऑक्सीजन का निर्यात 700 प्रतिशत तक क्यों बढ़ा दिया?
ऑक्सीजन संकट?
👉ऑक्सीजन की आकस्मिक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्यों कोई कदम नहीं उठाये गए? एम्पावर्ड ग्रुप-6 की सलाह को पूरी तरह से नजरअंदाज क्यों किया गया? कोरोना की दूसरी लहर का अंदाजा होने के बावजूद ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल होने वाले क्रायोजेनिक टैंकरों… 1/3 pic.twitter.com/PuqVmiQiU9
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 29, 2021
उन्होंने यह भी पूछा कि मोदी सरकार (Narendra Modi) ने अपने ही विशेषाधिकार प्राप्त समूह की ऑक्सीजन संकट की सलाह को दरकिनार क्यों किया? कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, ‘‘महामारी की मार के पहले तक ऑक्सीजन को प्राथमिक रूप से औद्योगिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाता था, इसलिए भारत के पास ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल होने वाले विशेष रूप से बनाये गए क्रायोजेनिक टैंकरों की संख्या 1200- 600 थी। कोरोना की पहली लहर एवं दूसरी लहर के बीच मोदी सरकार ने इन टैंकरों की संख्या बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया।”
ऑक्सीजन सिलेंडर एवं सिलेंडर रिफिलिंग के दाम पर नियंत्रण नहीं किया गया?
ज़िम्मेदार कौन? 3/3
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 29, 2021
उन्होंने दावा किया, ‘‘भारत ऑक्सीजन का सबसे बड़ा ऑक्सीजन उत्पादक देश है, लेकिन केंद्र सरकार की लापरवाही के चलते कोरोना की दूसरी लहर के समय ऑक्सीजन संकट खड़ा हुआ और लोगों की जानें गईं। केंद्र सरकार ने 150 ऑक्सीजन संयंत्र चालू करने के लिए बोली लगाई थी, लेकिन उनमें से ज्यादातर संयंत्र अभी भी चालू नहीं हो सके हैं।”
प्रियंका ने यह आरोप भी लगाया, ‘‘इस संकट काल में भी मोदी सरकार ने लोगों की जेब काटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। संसद की स्वास्थ्य मामलों की स्थाई समिति ने सरकार को पहले ही सुझाया था कि केंद्र सरकार को ऑक्सीजन सिलेंडर के दाम नियंत्रित करने के प्रयास करने होंगे, लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत पिछले साल 4000 रू थी वहीँ एक साल में बढ़कर 7000 रू हो गई।” उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले एक साल दौरान केंद्र सरकार ने कोरोना पर विजय घोषित की, संसद के अंदर मंत्रियों ने इस विजय के लिए प्रधानमंत्री का स्तुतिगान भी किया। देश के वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों से चेतावनी के बावजूद केंद्र ने दूसरी लहर के खतरे को अनदेखा किया।”