दिल्ली. किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत शुरू हो गई है। बैठक में करीब 32 किसान संगठन शामिल हो रहे हैं। बैठक में सरकार की ओर से उद्योग राज मंत्री सोमप्रकाश, पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर मौजूद हैं। बैठक से पहले कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि, हम किसानों के साथ खुले दिल से चर्चा के लिए तैयार हैं। लेकिन, किसानों के प्रस्ताव के बाद तय होगा कि सरकार क्या करेगी।
Delhi: Union Ministers Narendra Singh Tomar and Piyush Goyal hold meeting with farmers’ leaders at Vigyan Bhawan.#FarmLaws pic.twitter.com/zL4PNsQHtZ
— ANI (@ANI) December 1, 2020
किसानों के मुद्दों पर विचार-विमर्श के बाद सरकार समाधान निकालेगी : कृषि मंत्री तोमर
केंद्रीय मंत्रियों और 30 से अधिक किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच चल रही चल रही वार्ता के बीच सरकार ने मंगलवार को विश्वास जताया कि वह आंदोलनकारी किसानों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के बाद किसी समाधान पर पहुंचेगी। यहां विज्ञान भवन में बैठक के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ रेल तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश, जो पंजाब के एक सांसद भी हैं, भी मौजूद थे।
बैठक के लिए पहुंचे तोमर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम उनके मुद्दों को हल करने के लिए चर्चा के लिए तैयार हैं। देखते हैं क्या निकलता है।” उन्होंने आगे कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बात सुनने के बाद सरकार किसी समाधान पर पहुंचेगी। बैठक से कुछ घंटे पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नरेन्द्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन पर लंबी चर्चा की।
शुक्रवार को हुई हिंसा की घटना के बाद किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है और अधिकतम पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा सिंघू और टिकरी सीमाओं पर शांतिपूर्ण धरना जारी रहा। सोमवार को गाजीपुर की सीमा पर प्रदर्शनकारियों का हुजूम जुट गया था। विपक्षी दलों ने भी अपना दबाव बढ़ा दिया है और केंद्र सरकार से किसानों के ‘‘लोकतांत्रिक संघर्ष का सम्मान” करने और नये कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए कहा है।
किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों की वजह से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था ध्वस्त हो जायेगी जिससे किसान बड़े निगमित घरानों (कॉरपोरेट्स) की ‘दया’ के मोहताज हो जाएंगे। सरकार निरंतर यह कह रही है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे और कृषि में नई प्रौद्योगिकियों का समावेश बढ़ेगा।
किसानों और सरकार के बीच उचित संवाद होना चाहिए – कैलाश गहलोत
दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि, किसानों और सरकार के बिच एक उचित संवाद होना चाहिए और केंद्र को किसानों द्वारा प्रस्तावित सभी मांगों को स्वीकार करना चाहिए। क्योंकि उनकी मांगें जायज हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, विरोध स्थलों पर जाने का मेरा उद्देश्य किसानों के विरोध प्रदर्शन के लिए बुनियादी सुविधाएँ सुनिश्चित करना है।
There should be a proper dialogue & Centre should accept all demands proposed by farmers as they’re are genuine. My purpose of visiting protest sites is to ensure basic facilities for protesting farmers: Delhi Cabinet Minister Kailash Gehlot during a visit to Burari protest site pic.twitter.com/u2WusttQZW
— ANI (@ANI) December 1, 2020