Nepal Foreign Ministry clarifies Prime Minister Oli's statement on Lord Shri Ram

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नई दिल्ली: नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने भगवान श्री राम पर दिए विवादित बयान पर नेपाल के विदेश मंत्रालय ने अपनी सफाई दी है. मंगलवार को बयान जारी करते हुए कहा, ‘ टिप्पणी किसी भी राजनीतिक विषय से जुड़ी नहीं है और किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है. इसका मतलब अयोध्या के सांकेतिक विनाश और सांस्कृतिक मूल्य पर बहस करना नहीं है.’

मंत्रालय ने आगे कहा, ‘ जैसा कि श्री राम और उनके साथ जुड़े स्थानों के बारे में कई मिथक और संदर्भ हैं, पीएम आगे के अध्ययन के महत्व पर प्रकाश डाल रहे थे और विशाल सांस्कृतिक भूगोल रामायण के अनुसंधान तथ्यों को प्राप्त करने का प्रतिनिधित्व करते हैं.’

क्या है मामला 
दरअसल सोमवार को  प्रधानमंत्री आवास पर कवि भानुभक्त आचार्य की 206वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ओली ने भारत पर सांस्कृतिक अतिक्रमण के लिए नकली अयोध्या का निर्माण करने का आरोप लगाया था. ओली ने कहा, नेपाल पर सांस्कृतिक रूप से अत्याचार किया गया है। साथ ही ऐतिहासिक तथ्यों को तरोड़-मरोड़कर पेश किया गया है लेकिन हम अब भी मानते है कि, हमने श्री राम को सीता दी थी। 

ओली ने दवा करते हुए कहा कि, हमने भारत में स्थित अयोध्या के राम को नहीं बल्कि नेपाल के अयोध्या के राम को सीता दी थी। अयोध्या एक गांव है जो बिरजंग के पश्चिम में स्थित है। इसलिए उन्होंने भारत में बनाया गया अयोध्या झूठ बताया है।    

राम जनकपुर कैसे आ सकते है?
प्रधानमंत्री ओली ने एक सवाल किया कि, उस समय आधुनिक परिवहन के साधन और मोबाइल भी नहीं था, तो भगवान श्री राम जनकपुर तक कैसे आए? उन्होंने कहा, भारत की अयोध्या वास्तविक है तो वहां से राजकुमार शादी के लिए जनकपुर कैसे आ सकते है। ओली ने यह भी दावा किया कि, नेपाल में ही विज्ञान, विकास और ज्ञान की उत्पत्ति हुई है।