सिर्फ 7 महीनों में 14 पर्वतों पर ‘फतह’, जानें कौन हैं निर्मल पुर्जा..

Loading

नयी दिल्ली.  वो कहते हैं न कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती और लहरों से डर कर कश्ती कभी पार नहीं होती। यह बात पूरी तरह से सटीक बैठती हैं नेपाल के एक पर्वतारोही (Mountaineer) निर्मल पुर्जा (Nirmal Purja) पर। जी हाँ हम हम बात कर रहे हैं नेपाल के एक पर्वतारोही निर्मल पुर्जा की जिन्होंने अब तक 14 सबसे ऊंची चोटियों को फतह की हैं।

 

दरअसल नेपाल के पर्वतारोही निर्मल पुर्जा ने सात महीने में 8,000 मीटर (26,250 फीट) से अधिक 14 पहाड़ों की चढ़ाई पूरी की है। इससे पहले पोलैंड के पर्वतारोही जेरेज कुकुज्का ने साल 1987 में सात साल 11 महीने और 14 दिनों के बाद इस उपलब्धि को अपने नाम दर्ज करवाया था।  

गौरतलब है कि पुर्जा के ठीक एक साल पहले पहले इटली के रेनहोल्ड मेसनर ने भी 14 चोटियां फतह की थी हालाँकि इसमें उन्हें थोडा ज्यादा समय लगा था।वहीं दक्षिण कोरियाई किम चांग-हो ने कुकुज्का की तुलना में एक महीने की देरी से इस कठिन और जानलेवा चुनौती को पूरा किया था। बता दें कि इस मुहीम में किम चांग अपने साथ ऑक्सीजन का सिलिंडर तक लेकर नहीं गए थे। यह भी विदित हो कि कुकुज्का की 1989 में पर्वतारोहण के दौरान हुई एक दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई थी। 

अगर हम निर्मल पुर्जा की बात करें तो उन्होंने रिकॉर्ड की कोशिश के प्रथम  हिस्से में निर्मल ने अन्नपूर्णा, धौलागिरि, कंचनजंगा, एवरेस्ट, ल्होत्से और मकालू पर साहसिक चढ़ाई की। इस फतह के ठीक एक  महीने बाद वह अपने प्रोजेक्ट के दूसरे हिस्से को पूरा करने के लिए वे पाकिस्तान चले गए, जहां उन्होंने 8,125 मीटर ऊंचे ‘नंगा पर्वत’ की चढ़ाई की।

इसके बाद अपने अंतिम प्रयास में उन्होंने चो ओयू और मनासलु पर्वत चोटी को एक सप्ताह के भीतर ही फतह कर लिया। बता दें कि 36 वर्षीय निर्मल ने बीते साल अप्रैल 2019 में अपने ‘प्रोजेक्ट पॉसिबल’ (Project Possible)की शुरुआत की थी।

अगर हम देश की महिला शक्ति की बात करें तो मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की रहने वाली 27 वर्षीय पर्वतारोही भावना डेहरिया (Bhavna Dehriya) ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट  किलिमंजारो’ की चढ़ाई कर उस पर तिरंगा फहराया था। यही नहीं भावना डेहरिया ने समुद्र तल से 5,895 मीटर यानी 19 हजार 341 फीट ऊंचे ‘उहुरू शिखर’ पर चढ़कर दीपावली के दिन ‘इकोफ्रेंडली दिवाली’ मनाने का आदर्श संदेश दिया था।

 27 अक्तूबर 2019 की रात 12 बजे आखिरी कैंप किबो हट से अंतिम चढ़ाई महज सात घंटे 45 मिनट में पूरी की और सबसे ऊंची चोटी उहुरू शिखर पर पहुंची। गौरतलब है कि इतने कम समय में इस चोटी को फतह करने वाली भावना पहली भारतीय महिला पर्वतारोही है। वहीं उन्होंने इसी साल 22 मई 2020 को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर देश का नाम रोशन किया था। 

देखा जाए तो निर्मल पुर्जा का यह साहसिक अभियान  सही में मानवीय साहस और इच्छाशक्ति का यह अद्भुत तारतम्य है कि कैसे एक मानव ने अपने साहस के दम पर 8,000 मीटर (26,250 फीट) से अधिक 14 पहाड़ों की चढ़ाई पूर्ण की। निर्मल पुर्जा और भावना डेहरिया आपके सहास और जज्बे को हमारा सलाम। फिर कहा भी गया है कि अगर जिद, जुनून, जोश और जज्बा साथ हों तो दुनिया आपकी मुट्ठी में है, बस एक बार तू कस कर अपनी मुट्ठी बाँध तो प्यारे!