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नयी दिल्ली.  भारत (India) का संसद भवन एक बार फिर बनने जा रहा है। जी हाँ करीब 100 साल बाद संसद भवन (Parliamentray Building) का कायाकल्प होने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 865 करोड़ रुपए का विशाल बजट भी रखा गया है। इसके आर्किटेक्ट कई बड़े प्रोजेक्ट्स डिजाइन करने वाले बिमल पटेल होंगे। इस प्रोजेक्ट का का नाम ‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ नाम दिया गया है। जानिये क्या-क्या है इस प्रोजेक्ट में ख़ास : 

क्यों जरुरत पड़ी इस नयी संसद की

संसद भवन वैसे तो पुराना हो चूका है और इसमें अब मरम्मत की भी जरुरत है। इसके साथ ही एयर कंडीशनर, ऑडिओ-विजुअल सिस्टम, वेंटिलेशन और इलेक्ट्रिसिटी जैसी तमाम चीजों में बड़े बदलाव लगेंगे। वहीं अब राज्यसभा और लोकसभा में सिटिंग कैपेसिटी भी अपनी क्षमता तक पहुँच चुकी है। इसीलिए नई बिल्डिंग की आवशयकता आन पड़ी है। इसके साथ ही अब है। मंत्रालयों के ऑफिस भी एक ही जगह होने को तरजीह दी जा रही है जो कि सुरक्षा की दृष्टि से जरुरी भी है।

क्या है ‘सेंट्रल विस्टा’ और क्यों है ये प्रोजेक्ट का नाम 

बता दें कि 1911 में ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस के डिजाइन पर नयी दिल्ली को बनाया गया था। इसके बाद 1921-27 के मध्य संसद भवन का निर्माण हुआ। तब इस निर्माण का नाम जो कि इंडिया गेट से राष्ट्रपति ‌‌भवन तक के तीन किलोमीटर लंबे राजपथ के आसपास के इलाके की पहचान हेतु  ‘सेंट्रल विस्टा’ रखा गया। इसीलिए नई दिल्ली में लुटियंस जोन के इस इलाके को ‘सेंट्रल विस्टा’ के नाम की पहचान मिली। वहीँ अब होने वाले नए निर्माण और मरम्मत को भी केंद्र सरकार ने ‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ नामांकरण किया है।

टाटा को सौंपा गया यह अहम् कॉन्ट्रैक्ट

खबर यह भी है कि संसद की नई इमारत बनाने का कॉन्ट्रैक्ट टाटा ने हासिल किया है। जिसमे 865 करोड़ रुपए के खर्च होने की सम्भावना है। यही नहीं यह नयी संसद का नया पता ‘पार्लियामेंट हाउस स्टेट का  प्लॉट नंबर 118’ होगी। इस प्रोजेक्ट में नई संसद के अलावा ‘इंडिया गेट’ के आसपास 10 नयी इमारतें और बनेंगी, जिनमें 51 मंत्रालयों के दफ्तर भी मौजूद होंगे।

डायमंड लुक में होंगी नई-पुरानी बिल्डिंग्स 

बताया जा रहा है कि इस पूरे प्रोजेक्ट में पुरानी बिल्डिंग के दोनों तरफ ट्राएंगल शेप में दो बिल्डिंग्स का निर्माण होगा। वैसे तो  पुराने संसद भवन का आकार गोल है, वहीँ नयी संसद तिकोने आकार में होगी। जिससे की नई और पुरानी बिल्डिंग्स एक साथ दिखने में डायमंड लुक में दिखेंगी। बताया जा रहा है कि संसद कि यह नयी बिल्डिंग 2022 तक बनकर तैयार होने की सम्भावना है। पुराणी संसद के कुछ हिस्सों की भी मरम्मत  होगी। बताया जा रहा है कि नयी बिल्डिंग में कृषि भवन- शास्त्री ‌‌भवन आदि भी शामिल किये जायेंगे।

क्या होगी इस नयी संसद की खासियत 

  • नई संसद की बिल्डिंग मौजूदा संसद भवन के ठीक बगल में होगी और दोनों बिल्डिंग में एक साथ ही काम शुरू  होगा।
  • अभी लोकसभा में 590 लोगों की बैठक क्षमता है। वहीं अब नई लोकसभा में 888 सीटें होंगी और साथ ही इसके विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने के इंतजाम किये जायेंगे।
  • वर्तमान राज्यसभा में 280 लोगों की बैठक क्षमता है। अब नई राज्यसभा में 384 सीटें होंगी और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग आराम से बैठ सकेंगे।
  • इसके साथ ही लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही अकेले 1272 से ज्यादा सांसद एक साथ बैठ पाएंगे।
  • इसके साथ ही संसद के हरेक अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस रहेंगे। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी अलग हाईटेक ऑफिस की सुविधा होगी।
  • कैफे और डाइनिंग एरिया भी अब हाईटेक होगा। कमिटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों को हाईटेक इक्विपमेंट से सुशोभित किया जाएगा।
  • कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और वीआईपी लाउंज की भी अलग और बढ़िया व्यवस्था होगी।
  • नया संसद भवन अब हाई एनर्जी एफिशियंसी के साथ बनेगा। इसे ग्रीन बिल्डिंग की रेटिंग भी मुहैया की जाएगी।
  • लोकसभा और राज्यसभा हॉल में अब हाई क्वॉलिटी एकोस्टिक होगा।
  • एयर कंडीशनिंग, लाइटिंग, इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट भी अपग्रेडेड होंगे।
  • बिल्डिंग का मेंटेनेंस और ऑपरेशन करने में अब आसानी होगी ।
  • VVIP के लिए अंडरग्राउंड एन्ट्रेंस, जबकि आम लोगों और अधिकारियों के लिए ग्राउंड फ्लोर से एंट्री की व्यवस्था होगी।
  • दिव्यांग व्यक्ति को किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसका भी अब खास ख्याल रखा जाएगा।
  • नए बने प्लान के मुताबिक, केंद्र सरकार के सभी एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस अब एक साथ एक ही जगह पर लाए जाएंगे, जिससे कामकाज में आसानी हो और सुरक्षित भी हों।
  • पुरानी बिल्डिंग के कुछ हिस्सों को तोड़कर वहां अब एक सेक्रेटिएट बिल्डिंग बनाई जाएगी। 

PM मोदी का डिजाईन को लेकर क्या है कहना 

नए पार्लियामेंट हाउस की डिजाइन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी राय रखते हुए कहा था कि नया परिसर कामकाजी लोगों और आम लोगों के इस्तेमाल के लिए आसान हो और संसद की सभी जरूरतों को पूरा करने वाली हो। उनका यह भी कहना था कि सुरक्षा के इंतजाम भी ऐसे किये जाएँ कि आम लोग भी बिल्डिंग में आसानी से प्रवेश ले  सकें और उन्हें डर का एहसास भी न हो।

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जानें आर्किटेक्ट बिमल पटेल को  

गौरतलब है की आर्किटेक्चरिंग की दुनिया में बिमल पटेल एक बड़ा नाम है। उनकी बहुमुखी  कंपनी HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने गुजरात सरकार और केंद्र सरकार के लिए कई अहम और बड़े प्रोजेक्ट्स बनाये गए हैं। अहमदाबाद का रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट, कांकरिया का री-डवलपमेंट, राजकोट रेसकोर्स री-डवलपमेंट, आरबीआई अहमदाबाद, गुजरात हाईकोर्ट, आईआईएम अहमदाबाद, आईआईटी जोधपुर जैसी कई बिल्डिंग्स की डिजाइन करने वाले यही बिमल पटेल है। श्री पटेल को आर्किटेक्चरिंग में उनका 35 साल का बड़ा अनुभव है। भारत सरकार उन्हें पद्मश्री से भी नवाज चुकी है।