नई दिल्ली,निर्भया मामले में आज चारो दोषियों को अलग-अलग फांसी देने के लंबित मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगी। आपको बता दें कि इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर रोक की खिलाफ आयी
नई दिल्ली,निर्भया मामले में आज चारो दोषियों को अलग-अलग फांसी देने के लंबित मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगी। आपको बता दें कि इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर रोक की खिलाफ आयी हुई याचिका को ठुकरा दिया था। इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट में ने सभी आरोपियों को सात दिन का समय देते हुए सभी विकल्प इस्तमाल करने को कहा था।
Delhi’s Patiala House Court to hear today, the plea of Tihar Jail authorities seeking issuance of fresh death warrants against the convicts of 2012 Delhi gang-rape case.Court had yesterday directed the convicts to file their response by today on the plea by Tihar Jail authorities pic.twitter.com/w2DIdVAlTR
— ANI (@ANI) February 7, 2020
आपको बता दें कि अब उचत्तम न्यायलय के अलावा पटियाला हाउस कोर्ट भी केस की सुनवाई करेगा।वही दिल्ली सरकार भी नए डेथ वारंट जारी करने बाबत अर्जी दाखिल कर चूका है। यह भी प्रासंगिक है कि अब तक चारों दोषियों को फांसी देने के लिए अब तक दो बार डेथ वारंट जारी हो चुके हैं।इसके पहले पिछले रविवार 3 फरवरी को करीब साढ़े तीन घंटे से ज्यादा वक़्त तक कोर्ट में इस मामले पर बहस चली थी। जिसके बाद कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। वहीं 5 फरवरी को जस्टिस कैत ने अपने आदेश में कहा कि आदेश में कहा है कि सभी चारों दोषियों को एक साथ ही फांसी की सजा दी जाएगी ना की अलग-अलग।
इस पर केंद्र सरकार ने पूछा है कि जो एक दोषी जिसने अपने सभी सभी उपचारों को समाप्त कर चुका है, क्या उसे कानून से प्राप्त सजा को सिर्फ इसलिए रोका जा सकता है क्योंकि उसके साथ के सह-दोषियों में से एक की दया याचिका अब भी राष्ट्रपति के समक्ष लंबित है और वहीं दूसरे सह-दोषी ने अभी तक याचिका दायर भी नहीं की है। इसके जवाब में जस्टिस कैत ने कहा कि "दोषी अनुच्छेद 21 का सहारा ले रहे हैं जो उन्हें आखिरी सांस तक सुरक्षा प्रदान करता है।दोषियों ने सजा में देरी करने की रणनीति अपनाई है। इसलिए मैं सभी दोषियों को 7 दिनों के भीतर उनके कानूनी उपचार के लिए निर्देशित करता हूं, जिसके बाद अदालत को उम्मीद है कि अधिकारियों को कानून के अनुसार काम करना होगा।"
आपको बता दें कि 12 नवंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया के साथ छह लोगों ने सामूहिक रूप से हिंसक बलात्कार किया था। इसके चलते कोर्ट ने चारो दोषियों को फांसी की सजा मुकर्रर की थी। विदित हो कि इसमें से दो आरोपी मुकेश सिंह और विनय शर्मा के बचाव के सभी विकल्प अब समाप्त हो चुके हैं। वहीं आरोपी अक्षय सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है और चौथा दोषी पवन गुप्ता के पास अभी भी सुधारात्मक और दया याचिका का विकल्प मौजूद है।