निर्भया केस: पटियाला हाउस कोर्ट में इसकी सुनवाई टली

दिल्ली, निर्भया के दुष्कर्मियों को फांसी पर लटकाने की मांग के बीच तिहाड़ जेल से बड़ी खबर है। सूत्रों के अनुसार तिहाड़ जेल प्रशासन निर्भया के दरिंदगी के चारों दोषियों को एक साथ ही फांसी पर लटकाने

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दिल्ली, निर्भया दुष्कर्म मामले में प्राप्त ख़बरों के अनुसार पटियाला हाइस कोर्ट में हो रही इसकी सुनवाई टल गई है। वहीं सुनवाई करते हुए न्यायधीश ने कहा है कि, सुप्रीम कोर्ट से ताजा जानकारी के अनुसार अभियुक्त अक्षय की पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया गया है और इस पर 17 दिसंबर को सुनवाई होनी है। लिहाजा अब इस मामले में 18 दिसंबर को सुनवाई होगी। उधर निर्भया की मां ने भी उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर हस्तक्षेप करने की इजाजत की मांग की है। उन्होंने ये भी बयां दिया है कि दोषी कानूनी दांवपेंच के सहारे सजा से बच रहे हैं जबकि पहले ही इस मामले को सात साल हो चुके हैं। 

निर्भया के दुष्कर्मियों को फांसी पर लटकाने की मांग के बीच तिहाड़ जेल से बड़ी खबर है।  सूत्रों के अनुसार तिहाड़ जेल प्रशासन निर्भया के दरिंदगी के चारों दोषियों को एक साथ ही फांसी पर लटकाने की तैयारी कर रहा है। कहा ये भी जा रहा है कि फांसी देने के लिए एक नई तकनीक का परीक्षण हो रहा है। ख़बरों के अनुसार फांसी के तख़्त पर भी कुछ बदलाव हुए हैं  और खासकर ये भी परीक्षण  हो रहा है कि  क्या चार लोगों का वजन एक बार में उठाना मुनासिब होगा या नहीं। यदि ये संभव हुआ तो ऐसा पहली बार आजाद देश के इतिहास में होगा जब एक ही जगह पर चार लोगों को एक साथ फांसी की सजा मुकर्रर होगी।  

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आपको बता दें कि चारों दुष्कर्मियों से कुछ दिनों से कोई काम नहीं लिया जा रहा है ओर उनकी रोज मेडिकल जांच और वजनlसमेत अन्य नाप-तौल भी की जा रही है। इन चारों  दुष्कर्मियों के साथ 24 घंटे दो जवान रहते हैं, जो उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। विदित हो कि  तिहाड़ की जेल नंबर 3 में मौजूद फांसीघर की सफाई शुरू हो गई थी।  यह वही फांसीघर है जहाँ संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दी गयी थी। वैसे तो यहां एक बार में एक ही को फांसी दी जा सकती है, लेकिन चार लोगों को एक साथ फांसी देने का  परीक्षण डमी के साथ शुरू हो चूका है।  
 
चारों दुष्कर्मियों को एक ही साथ फांसी पर लटकाने के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि मान लीजिये किसी शख्स को बेचैनी के चलते समस्या हो जाती है या फिर वह बीमार हो जाता है तो फांसी टालनी पड़ेगी। सूत्रों  के अनुसार अब तक डमी के साथ चार लोगों को एक साथ फांसी देनें के अब तक करीब दो ट्रायल किए जा चुके हैं। ये भी देखा जा रहा है कि क्या लगातार तीन घंटे तक फांसी का तख्त इनका वजन उठा सकता है भी या नहीं।विदित हो कि  9 फरवरी, 2013 को जब संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल को फांसी पर लटकाया गया था। तब उससे पहले भी उसके वजन की डमी को फांसी देकर ट्रायल किया गया था लेकिन उस ट्रायल में रस्सी टूट गई थी।  वहीं  इस बार मामला 4 कैदियों का है. इसी वजह से जेल प्रशासन फांसी देते वक्त कोई चांस नहीं लेना चाहता है।  
 
उधर खबर ये भी आ रही है कि चारों दोषियों की सजा कुछ दिन के लिए अभी और टल सकती है।क्यूँकि इन चारों में से एक दोषी अक्षय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की हुई है। इस पर 17 दिसंबर को सुनवाई होनी है।कानूनन अक्षय के पास भी रिव्यू नामंजूर होने के बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने का मौका होगा. इसके अलावा जेल प्रशासन को भी  14 दिनों का वक्त सजायफ्ता कैदियों को फांसी के लिए मानसिक रूप से तैयार होने को दिया जाता है। इस दौरान कैदी को अपनी वसीयत एवं अन्य चीजें तैयार करने का मौका मिलता है।
 
यह भी खबर है कि चारों दोषियों को फांसी देने के लिए मेरठ जेल के पवन जल्लाद ने अपनी सहमति जताई है। उनका ये भी कहना है  कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार चाहेगी तो वे दिल्ली जाएंगे और फांसी का कार्य सम्पादित कर सकते हैं।