Nitin Gadkari Birthday: Hardworking and courageous Gadkari ji: Eknath Shinde

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    नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन और उद्योग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) के जन्मदिन (Birthday) पर महाराष्ट्र (Maharashtra) के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने उन्हें बधाई दी है। एकनाथ शिंदे ने नितिन गडकरी को मेहनती, अध्ययनशील, हिम्मती नेता बताया है। उन्होंने इस मौके पर कहा, केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी को आज पूरा देश एक बहुत ही ऊर्जावान, कुशल और सरल मंत्री के रूप में पहचानता है, लेकिन उनकी पहचान महाराष्ट्र के लिए नई नहीं है। आज गडकरी जी के कुशल नेतृत्व में देश भर में हाईवे और एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाया जा रहा है। पूरे देश में उनकी सराहना की जाती रही है और वह इसके हकदार भी हैं। साल 2014 में जब गडकरी जी ने विभाग की कमान संभाली तो सड़क निर्माण की गति बहुत ही धीमी थी। भूमि अधिग्रहण में कठिनाई, पर्यावरण मंजूरी, बैंकों से वित्त सहायता जैसे विभिन्न कारणों से नई सड़कों का निर्माण बहुत धीमी गति से चल रहा था। देश में केवल 3 से 7 किमी प्रति दिन की औसत गति से नई सड़कें बन रही थीं। सड़क निर्माण कार्य में देरी के कारण इन कंपनियों को बैंकों द्वारा दिया गया कर्ज ‘एनपीए’ में तब्दील हो जाने की आशंका थी। इसलिए बैंक नयी सड़क निर्माण परियोजनाओं को वित्तीय सहायता के लिए तैयार नहीं थे। इसके चलते सड़क निर्माण कंपनियों की भी हालत खराब हो गई थी।

    अच्छी, गुणवत्तापूर्ण सड़कें एक सक्षम अर्थव्यवस्था की मूलभूत आवश्यकता हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी के बारे में एक कथन बहुत प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा था, “अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत है। इसलिए यहां की सड़कें अच्छी हैं, ऐसा नहीं है बल्कि अमेरिका की सड़कें अच्छी हैं, इसलिए अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत है”। मेरी जानकारी के मुताबिक नितीन जी के कार्यालय में उनके टेबल पर यह सीख बोधचिन्ह की तरह रखा हुआ है। उन्होंने इसे अपने कार्यालय में यूं ही नहीं रखा है, बल्कि वे खुद भी इसी से प्रेरित होकर लगातार काम कर रहे हैं।इसीलिए वर्ष 2014 में जैसे ही नितिन जी ने विभाग की बागडोर संभाली और काम शुरू किया। सर्वप्रथम, सड़क निर्माण परियोजनाओं में आ रही समस्याओं को एक-एक करके दूर किया और सड़कों के निर्माण में तेजी लाई। नतीजतन औसत सड़क निर्माण गति, जो 2014 से पहले प्रति दिन 3 से 7 किमी हुआ करती थी, अब 30 किमी से आगे निकल गई है।

    दृढ़ संकल्प से मिली सफलता

    हम सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी के अभूतपूर्व संकट के चलते वित्त वर्ष 2020-21 कितना चुनौतीपूर्ण रहा। देशव्यापी लॉकडाउन के कारण कई महीनों तक काम बंद था। पूरी अर्थव्यवस्था ठप पड़ गयी थी. बेशक, इसने निर्माण क्षेत्र को भी प्रभावित किया। ऐसे चुनौतीपूर्ण हालात के बावजूद पिछले वित्त वर्ष में देश भर में 12,000 कि.मी. से अधिक राजमार्गों का निर्माण कार्य पूरा करने में सफलता अर्जित हुई है। इस सफलता के कई कारण हैं और यह सफलता नितिन गडकरी जी के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। सड़क के काम क्यों अटके हुए हैं, इस पर विचार करते हुए उन्होंने एक साहसिक निर्णय लिया। भूमि अधिग्रहण सड़क निर्माण में सबसे बड़ी बाधा थी। कई सड़क निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुके थे, लेकिन इसके लिए आवश्यक जमीन पूरी तरह से सरकार या स्थानीय प्राधिकरण के कब्जे में नहीं थी। इस वजह से काम ठप थे अथवा लंबित थे। इस तरह के आंशिक काम में बैंकों का भारी धन शामिल था।

    बैंकों को भारी नुकसान से बचाया

    पिछले साल राज्यसभा में उन्होंने जो जानकारी दी थी, उसके मुताबिक, जब उन्होंने विभाग को संभाला था तो करीब 4 लाख करोड़ रुपए के 403 प्रोजेक्ट ठप पड़े थे। यह बहुत बड़ी राशि है और इन सभी परियोजनाओं के लिए दिए गए बैंक ऋण डूब जाने की आशंका थी। इससे ना केवल देश के बैंकों को भारी नुकसान होता, बल्कि सड़क कार्यों के भविष्य के वित्त पोषण पर भी सवाल उठते। इसलिए नितिन गडकरी जी ने इन सभी मुद्दों की समीक्षा की और कुछ महत्वपूर्ण रणनीतिक फैसले लिए। रूके हुए कार्यों को शुरू करने के लिए ‘बीओटी’ पद्धति को बदलकर ‘हाइब्रिड एन्युइटी’ पद्धति की शुरुआत की। केंद्र सरकार ने खुद सड़क परियोजनाओं में भारी निवेश किया। इससे बैंकों का भी भरोसा बढ़ा। सबसे महत्वपूर्ण और दूरगामी निर्णय सड़क परियोजना पर तब तक काम शुरू नहीं करना है, जब तक कि इसके लिए आवश्यक कम से कम 80 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण न कर लिया जाए। इसलिए भूमि की कमी के कारण परियोजनाओं में देरी की संभावना लगभग समाप्त हो गई थी।नतीजतन पिछले वित्तीय वर्ष में नितिन जी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई ने कोविड जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद देश भर में 12,000 किमी से अधिक सड़कों का निर्माण किया। यह एक बड़ी उपलब्धि है।

    ऑक्सीजन आपूर्ति बढ़ाने में की मदद

    अभी हम सब कोरोना से लड़ रहे हैं। करीब डेढ़ महीने पहले कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई थी। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में नए मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी। इससे स्वाभाविक रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित हुई। महाराष्ट्र सरकार ने तत्काल राज्य भर में कई जगहों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने शुरू कर दिए. इस दौरान नितिन गडकरी जी ने देश को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की भी पहल की। राज्य को ऑक्सीजन के कुछ टैंकर उपलब्ध कराए। इसी तरह उनके नेतृत्व में ‘एनएचएआई’ को देश भर में स्थापित होने वाले ऑक्सीजन संयंत्रों के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। ‘एनएचएआई’ को ऑक्सीजन प्लांट के लिए जगह मिलने के 15 दिन के भीतर प्रोजेक्ट स्थापित करने का लक्ष्य दिया गया है।

    जलमार्ग निर्माण को दी नई दिशा

    नितिन गडकरी जी ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जहाजरानी मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके नेतृत्व में गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों में कई जलमार्ग स्थापित किए गए। उन्होंने कल्याण-वसई जलमार्ग को भी मंजूरी दी थी। साथ ही पहले चरण के लिए 650 करोड़ रुपए का फंड मंजूर किया था, लेकिन किसी कारण उनके कार्यकाल में इस मार्ग पर काम शुरू नहीं हो सका। साल 2019 के चुनाव के बाद इस विभाग की जिम्मेदारी अन्य मंत्रियों को मिली। हालांकि, नितिन गडकरी जी से मेरा अनुरोध है कि वह इस महत्वपूर्ण परियोजना की आवश्यकता के बारे में केंद्र सरकार को सूचित करें, सहायता प्राप्त करें और धन उपलब्ध कराएं। मुंबई महानगर यानी एमएमआर क्षेत्र की जनसंख्या आज तेजी से बढ़ रही है। देश में सर्वाधिक शहरीकरण हो रहा यह क्षेत्र एक प्रदेश के बराबर का बन गया है। ऐसे में यहां ट्रैफिक पर दबाव होना स्वाभाविक है। रेलवे के विस्तार की सीमाएं हैं, इसलिए सारा बोझ सड़क परिवहन पर है। कल्याण, डोंबिवली, अंबरनाथ, बदलापुर के उपनगरों से लाखों लोग रोजगार के लिए ठाणे और मुंबई जाते हैं उनके लिए, शिपिंग एक बहुत ही किफायती, आसान और प्रभावी विकल्प होगा। सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे और राजन विचारे इसके लिए लगातार केंद्र से पत्राचार कर रहें हैं। बहरहाल, मेरा अनुरोध है कि नितिन जी इस परियोजना के लिए महाराष्ट्र की ओर से केंद्र को पहल करें।

    – एकनाथ शिंदे

    नगर विकास मंत्री,

    महाराष्ट्र सरकार