No one died of hunger in the Shramik Special Train, the case was given a political color: BJP

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 नयी दिल्ली.  भाजपा ने बुधवार को इस आरोप को खारिज कर दिया कि श्रमिक विशेष ट्रेनों में यात्रियों की मौत भूख के कारण हुई और कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा था। भाजपा ने एक बयान में कहा, ” पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, श्रमिक ट्रेनों में कोई भी मौत भूख और भुखमरी के कारण नहीं हुई। पहले भी ट्रेनों में प्राकृतिक मौतें हुईं हैं लेकिन जिस तरह मृत्यु के सही कारणों के सामने आने से पहले ही श्रमिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत का राजनीतिकरण किया गया, वह अभूतपूर्व था।” पार्टी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देने के साथ ही कुछ मृतकों के परिजन के बयानों को भी पेश किया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि मृतक पहले से ही अन्य बीमारियों से ग्रस्त थे। उन्होंने कहा, ” हम यहां तुच्छ राजनीति करने के लिए नहीं आए हैं।

सरकार समस्याओं का सामना करने और उसे दूर करने में भरोसा रखती है।” कांग्रेस की ओर से रेल मंत्री का इस्तीफा मांगने के बाद भाजपा का यह बयान आया है। कांग्रेस ने श्रमिक ट्रेनों को लेकर सरकार और भाजपा पर देश के समक्ष झूठे तथ्य रखने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि रेल मंत्री पीयूष गोयल पद से इस्तीफा दें या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें हटाएं। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह दावा भी किया कि प्रवासी श्रमिकों के साथ सरकार की तरफ से क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि ट्रेन में 81 लोगों की मौत की जानकारी आधिकारिक रूप से दी गई है, हालांकि आरोप है कि यह संख्या इससे कहीं ज्यादा है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार और भाजपा के कई लोगों ने कहा था कि रेलवे या तो मुफ्त सेवा दे रही है या फिर 85 फीसदी किराए का भुगतान कर रही है। खुद गृह मंत्री अमित शाह ने यह बयान दिया है कि 85 फीसदी रेलवे का किराया रेल विभाग ने दिया है और 15 प्रतिशत राज्यों ने वहन किया है।” सिंघवी के मुताबिक, अटॉर्नी जनरल ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि श्रमिक ट्रेनों का 100 फीसदी किराया संबंधित राज्यों की ओर से दिया गया।