अब ”ई-वोटिंग” से मतदाता कही से भी कर सकेंगे मतदान

नई दिल्ली. चुनाव आयोग मतदाताओं के लिए 'ई-वोटिंग' की सुविधा शुरू करने का विचार कर रही है. चुनावों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने एक नई पहल की है. शहर से दूर रहने वाले लोगों को मतदान

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नई दिल्ली. चुनाव आयोग मतदाताओं के लिए ‘ई-वोटिंग’ की सुविधा शुरू करने का विचार कर रही है. चुनावों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने एक नई पहल की है. शहर से दूर रहने वाले लोगों को मतदान करने का मौका मिलें इसलिए चुनाव आयोग ‘ई-वोटिंग’ की सुविधा देने के विकल्पों पर सोच रही हैं. चुनाव आयोग को उम्मीद हैं कि, इसे मतदान प्रतिशत बढ़ने के साथ-साथ चुनावी खर्च पर भी नियंत्रण होगा.

बतादें कि, हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इस सुविधा के बारे में खुलासा किया था. उन्होंने कहा कि, आईआईटी चेन्नई के सहयोग से विकसित की जा रही मतदान की इस प्रणाली के तहत पंजीकृत मतदाता किसी भी राज्य से मतदान कर सकेगा. देश में रोजगार और आदि करणों से अन्यत्र निवास करने वाले लगभग 45 करोड़ प्रवासी लोग है. इसलिए कई मतदाता मतदान के दिन अपने चुनाव क्षेत्र नहीं पहुंच पातें. इन लोगों को मतदान का अधिकार मिलने के लिए और यह ई-वोटिंग शुरू करने पर विचार चल रहा है.

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत के कार्यकाल में इसे देशव्यापी स्तर पर लागु करने के लिए वोटिंग कार्ड को आधार से जोड़कर सीडेक की मदद से ई वोटिंग सॉफ्टवेयर विकसित करने की परियोजना चलायी जा रही थी. हालांकि, आधार को मतदाता पहचान पत्र से लिंक करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के कारण यह परियोजना लंबित थी, लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आधार संबंधी पूर्वनिर्धारित दिशानिर्देशों के तहत इसे मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने की मंजूरी दे दी है.

इसे जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि, 2010 के गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव में इस दूरस्थ मतदान का प्रयोग किया गया था. इसमें राज्य के स्थानीय निकाय के सभी वार्ड में ई-वोटिंग का विकल्प दिया था. इसके बाद 2015 में गुजरात के अहमदाबाद और सूरत सहित छह स्थानीय चुनाव में मतदाओं को ई-वोटिंग से जोड़ा था. हालांकि इसका अच्छी तरह से प्रचार न होने के कारण इस चुनाव में केवल 809 मतदाओं ने इस वोटिंग उपयोग किया था.