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    नयी दिल्ली/मुंबई. महाराष्ट्र और पंजाब में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर शुक्रवार से पाबंदियां और कड़ी कर दी गई। पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन भी एक विकल्प है। वहीं, शुक्रवार को देश में संक्रमण के करीब 40 हजार मामले आए जो करीब चार महीने में एक दिन में आए सबसे अधिक मामले हैं।

    केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के टीकों को लेकर अनेक लोगों के मन में पैदा हो रहीं आशंकाओं को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि दुनियाभर में वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद टीकों को मंजूरी दी गयी है और हमें इन पर विश्वास करना चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत में जिन दो टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सिन को इस्तेमाल की मंजूरी दी गयी है, वे सुरक्षा, प्रभावशीलता और प्रतिरक्षा क्षमता पैदा करने के मानदंडों पर पूरी तरह खरे उतरते हैं।” उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टि से देश के प्रत्येक व्यक्ति को टीका देने की आवश्यकता नहीं है।

    महाराष्ट्र सरकार ने अधिकसूचना जारी कर सभागारों को 31 मार्च तक 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही चलाने का निर्देश दिया है। सरकार ने साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नियमों का उल्लंघन किया गया तो केंद्र की अधिसूचना तक महामारी खत्म होने तक उन्हें बंद किया जा सकता है। अधिसूचना में स्वास्थ्य एवं आवश्यक सेवा को छोड़ बाकी निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने का निर्देश दिया गया है। महाराष्ट्र में कोविड-19 के अब तक के अधिकतम 25,833 नए मामले सामने आने के एक दिन बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन एक विकल्प है लेकिन उन्हें विश्वास है कि लोग खुद से नियमों का पालन करेंगे।

    स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि राज्य में शुक्रवार को कोविड-19 के 25,681 नए मामले आए है जिनमें से 3,062 मामले अकेले मुंबई में आए हैं जो सबसे अधिक है। नंदुरबार में पत्रकारों से बात करते हुए, ठाकरे ने लोगों से वायरस से बचाव के लिए बिना किसी डर के टीका लगवाने की भी अपील की। उन्होंने स्वीकार किया कि कोविड​​-19 स्थिति गंभीर हो गई है क्योंकि बृहस्पतिवार को नए मामलों की संख्या इससे पहले की उच्चतम वृद्धि को पार कर गई जो सितंबर में दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा, “मैं लॉकडाउन को एक विकल्प के रूप में देखता हूं। लेकिन मुझे विश्वास है कि राज्य के लोग पिछली बार की तरह सहयोग करेंगे और स्वेच्छा से कोविड-19 नियमों का पालन करेंगे।”

    पंजाब में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार से राज्य में कई पाबंदियां लगाने के आदेश दिये, जिसमें सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस महीने के अंत तक बंद रखना और सिनेमाघरों तथा मॉल में लोगों की संख्या पर पाबंदियां लगाना शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं और देश में आ रहे संक्रमण के नए मामलों में में 80 प्रतिशत इन्हीं राज्यों के हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में कोविड-19 संक्रमण के 25,681 नये मामले दर्ज किये गये जो देश में आए कुल मामलों का 65 प्रतिशत है। इसके बाद 2,369 मामलों के साथ पंजाब है जबकि केरल में 1,899 नए मामले आए हैं।

    पंजाब के स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक शुक्रवार को राज्य में 2,490 नए मामले आए हैं। सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार,भारत में एक दिन में कोविड-19 के 39,726 नए मामले सामने आए जो इस साल एक दिन में संक्रमित मरीजों की सर्वाधिक संख्या है। देश में इस वैश्विक महामारी के मामलों की संख्या 1,15,14,331 पर पहुंच गई है। इसके मुताबिक एक दिन में आए 39,726 मरीजों की संख्या 110 दिनों में सबसे अधिक है जबकि 154 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 1,59,370 हो गई है। इससे पहले 29 नवंबर को 24 घंटों में संक्रमण के 41,810 नए मामले सामने आए थे।

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस के मामलों में लगातार नौवें दिन वृद्धि हुई है। देश में अब भी 2,71,282 मरीज इलाज करा रहे हैं जो संक्रमण के कुल मामलों का 2.36 प्रतिशत है जबकि इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या गिरकर 96.26 प्रतिशत रह गई है। आंकड़ों के मुताबिक इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,10,83,679 हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.38 प्रतिशत हो गई है।

    मंत्रालय के मुताबिक आठ राज्यों- महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा- में नए मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। सरकारी और अर्ध सरकारी कार्यालयों के मामले में यह कहा गया है कि कार्यालय के प्रमुख, कर्मचारियों की मौजूदगी के संबंध में निर्णय लेंगे और कोविड-19 के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन कराना सुनिश्चित करेंगे। अधिसूचना के अनुसार सभागारों का इस्तेमाल धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक बैठकों के लिए नहीं किया जा सकता है।

    उल्लेखनीय है कि 15 मार्च को राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में सिनेमा हॉल, होटल, रेस्तरां और कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाने को कहा गया था सिवाय स्वास्थ्य एवं आवश्यक सेवाओं को छोड़कर लेकिन शुक्रवार के आदेश में नाटकशाला और सभागार को भी शामिल हो गया। पंजाब में महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित 11 जिलों में सभी सामाजिक समारोहों पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश दिया गया है। इनमें अंतिम संस्कार/ विवाह समारोह शामिल नहीं है। हालांकि, इनमें केवल 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे। यह आदेश रविवार से लागू होगा। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को लोगों से कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए अगले दो हफ्तों तक सामाजिक गतिविधियों को घर तक सीमित रखने की भी अपील की। उन्होंने कोविड कार्य बल की बैठक की यहां अध्यक्षता करते हुए लोगों से अनुरोध किया कि घरों में 10 से ज्यादा मेहमान नहीं होने चाहिए। मुख्यमंत्री ने अनिवार्य रूप से मास्क पहनने का आदेश दिया।

    उन्होंने पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सार्वजनिक स्थलों पर बिना मास्क के घूम रहे लोगों को नजदीकी जांच केंद्र ले जाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे बिना लक्षण वाले मरीज ताो नहीं हैं। एक आधिकारिक बयान में यहां कहा गया है, ‘‘मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों के अलावा सभी शैक्षणिक संस्थान 31 मार्च तक बंद रहेंगे।” मुख्यमंत्री ने कहा कि दो सप्ताह बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी। कोरोना वायरस के संबंध में राज्य सरकार की विशेषज्ञ टीम के प्रमुख डॉ. के के तलवार ने मुख्यमंत्री से कहा कि कोविड-19 के मामलों में वृद्धि स्कूलों और कॉलेजों के खुलने का नतीजा प्रतीत होती है।

    उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि बिना लक्षण वाले युवा लोग वायरस को फैला रहे हैं। हर्षवर्धन ने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि देश में अब तक लगभग साढ़े तीन- चार करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है और इसका महज .000432 प्रतिशत प्रतिकूल प्रभाव होने की खबरें हैं। देश में सभी को टीके लगाने के संबंध में सरकार की योजना के राकांपा सांसद सुप्रिया सुले के पूरक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि हर टीके को वैज्ञानिक आधार पर सार्वभौम टीकाकरण में शामिल करने की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा आवश्यकता के आधार पर टीके लगवाने वाली श्रेणियों की प्राथमिकता तय करनी होती है।

    उन्होंने कहा, ‘‘वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद टीकों को मंजूरी दी जाती है तो हमें विश्वास करना चाहिए । हम देश के लोगों को कहना चाहते हैं कि टीकों को लेकर कोई भ्रम नहीं रखें। आज जो सुविधा सरकार ने उपलब्ध कराई है, उसका लाभ उठाते हुए पास के निजी या सरकारी अस्पताल में जाकर टीका लगवाकर सभी को सुरक्षित करिए।” इस बीच, पंजाब में लगातार तीसरे दिन 2000 से अधिक मामले आए है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक राज्य में कोविड-19 के 2,490 नए मरीज आए जबकि 38 मरीजों की मौत हुई। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में इस समय 15,459 मरीज उपचाराधीन हैं, 1339 लोगों को गत 24 घंटे में संक्रमण मुक्त होने के बाद छुट्टी दी गई है जिन्हें मिलाकर अबतक 1,86,187 लोग महामारी को मात दे चुके हैं।

    उन्होंने बताया कि राज्य में 2,490 नए मामलों के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 2,07,888 हो गई है जिनमें से 6,242 मरीजों की जान गई है। पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को 347 नए मामले आने से अबतक राज्य में संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 5,79,826 हो गई है जबकि गत 24 घंटे में एक मरीज की मौत हुई है। राज्य में अबतक 10,301 मरीजों की जान इस महामारी में जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक सबसे अधिक 99 नए मामले राजधानी कोलकाता में आए हैं।