नई दिल्ली. देश में कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और हर किसी की निगाहे कोरोना की दवा पर लगी है। इस बिच पिछले हफ्ते बाबा रामदेव के पतंजलि ने कोरोना पर दवा बनाने का दावा किया था। इतना ही नहीं तो, इस दवा को पतांजलि ने मार्केट में लॉंच भी किया। हालांकि, केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार ने दवा पर आपत्ति जताते हुए पतंजलि की दवा पर सवाल उठाया था। अब उत्तराखंड आयुष विभाग ने पतंजलि को नोटिस जारी की। जिसके बाद पतंजलि ने कोरोना पर दवा बनाने के दावे से यूटर्न लिया है।
देश में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचाया है। इसलिए केंद्र और राज्य सरकारें युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहे है। दूसरी और कोरोना के टिके पर दिन रात अनुसंधान जारी है। ऐसे में पतंजलि ने कोरोना पर दवा बनाने का दावा करते हुए ‘कोरोनिल’ दवा लांच की। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल दवा के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगा दिया और दवा का परीक्षण शुरू किया है।
As per Patanjali’s application, we issued them license. They didn’t mention coronavirus, we only approved license for immunity booster, cough & fever. We’ll issue them a notice asking how they got permission to make the kit (for COVID19): Licence Officer, Uttarakhand Ayurved Dept pic.twitter.com/I7CWKoJhbK
— ANI (@ANI) June 24, 2020
बता दें कि, पतंजलि की दवा सामने आने के बाद उत्तराखंड आयुष विभाग ने कहा, दवा बनाने की अनुमति हमने नहीं दी। साथ ही पतंजलि को नोटिस जारी किया। आखिरकार पतंजलि ने नोटिस को जवाब दिया है। जवाब में पतजंलि ने कहा, कोरोना ठीक होने की कोई भी दवा पतंजलि ने तैयार नहीं की है।
गैरतलब हो कि, उत्तराखंड आयुष विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि, पतंजलि ने केवल बुखास, खासी और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाली दवा बनाने की अनुमति ली थी। उनके आवेदन में कोरोना का कोई भी उल्लेख नहीं किया गया था। इसलिए पतंजलि को नोटिस दिया जायेगा। जिसके बाद 24 जून को पतंजलि दिव्या फार्मेसी को नोटिस जारी की गई।