corona vaccine

Loading

नयी दिल्ली. भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) डॉ वीजी सोमानी ने सीरम इंस्ट्टियूट ऑफ इंडिया (SII) को ऑक्सफोर्ड के कोरोना (Corona) टीके का क्लिनिकल ट्रायल देश में फिर से शुरू करने की इजाजत दे दी है और दूसरे तथा तीसरे चरण के लिए नए प्रतिभागियों को शामिल करने पर रोक का आदेश वापस ले लिया है।

बहरहाल, DCGI ने क्लिनिकल ट्रायल को लेकर कई शर्तें भी रखीं हैं जिनमें स्क्रीनिंग के दौरान अतिरिक्त देखभाल करना, अतिरिक्त सूचना देना और अध्ययन के फॉलो-अप के दौरान प्रतिकूल प्रभाव की करीब से निगरानी शामिल है। प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल के अनुसार SII से उपयोग की जाने वाली दवा का विवरण डीसीजीआई कार्यालय में देने को भी कहा गया है। अध्ययन में शामिल किसी शख्स के बीमार पड़ने और वह किस वजह से बीमार पड़ा है यह समझ नहीं आने के कारण फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेरका ने अन्य देशों में टीके का क्लिनिकल ट्रायल रोक दिया था।

इसीके साथ DCGI ने 11 सितंबर को SII को निर्देश दिया था कि वह ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 के टीके के दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए नए प्रतिभागियों को शामिल करना अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दे। ब्रिटेन-स्वीडन की बायोफार्मास्यूटिकल एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफॉर्ड विश्वविद्यालय ने शनिवार को कहा कि मेडिसिन हेल्थ रेगुलेटरी ऑथोरिटी (एमएचआरए) ने पुष्टि की है कि क्लिनिकल ट्रायल सुरक्षित है, जिसके बाद कोरोना वायरस के टीका का क्लिनिकल ट्रायल ब्रिटेन में फिर शुरू कर दिया गया है। एसआईआई कोविड-19 के संभावित टीके के विनिर्माण में एस्ट्राजेनेका का साझेदार है। उसने मंगलवार को ब्रिटेन के डेटा एंड सेफ्टी मॉनिटर बोर्ड (डीएसएमबी) और भारत के डीएसएमबी की सिफारिशों को जमा किया था और क्लिनिकल ट्रायल में लोगों को फिर से शामिल करने की इजाजत मांगी थी।

डीसीजीआई द्वारा मंगलवार को जारी आदेश के मुताबिक, ब्रिटेन के डीएसएमबी ने सिफारिश की है कि जांचकर्ताओं ने कुछ शर्तों के साथ टीके का क्लिनिकल ट्रायल फिर से शुरू कर दिया है। भारत के डीएसएमबी ने भी सिफारिश की है कि अध्ययन को जारी रखा जाए एवं कुछ शर्तों के साथ प्रोटोकॉल के तहत क्लिनिकल ट्रायल में शेष प्रतिभागियों को शामिल किया जाए। आदेश के मुताबिक, एसआईआई ने संशोधित प्रतिभागी सूचना शीट, संशोधित सूचित सहमति फॉर्म और प्रतिभागियों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा निगरानी योजना जमा कराई है।

पुणे की कंपनी ने पहली बार टीका लगाने के सात दिन बाद के सुरक्षा जांच का सारांश भी जमा कराया है और कहा कि आज की तारीख तक किसी को भी कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है और जो प्रतिकूल प्रभाव पड़े हैं वह मामूली थे और अपने आप ठीक हो गए।

आदेश में कहा गया, ” उक्त दी गई जानकारी को देखते हुए भारतीय औषधि महानियंत्रक, केंद्रीय लाइंसेंसिंग प्राधिकरण डॉ वी जी सोमानी आपके जवाब और भारत तथा ब्रिटेन के डीएसएमबी की सिफारिशों का ध्यानपूर्ण परीक्षण करने के बाद नई औषधि एवं क्लिनिकल ट्रायल नियम 2019 के नियम 30 के तहत जारी 11 सितंबर के आदेश को रद्द करते हैं।” आदेश में कहा गया है, ” आप भारत के डीएसएमबी की सिफारिशों, पहले से मंजूर प्रोटोकॉल और नई औषधि एवं क्लिनिकल नियम 2019 के प्रावधानों के तहत क्लिनिकल ट्रायल फिर से शुरू कर सकते हैं, जिनमें कुछ शर्तों का उल्लेख है।”