अमानवीयता का दर्दनाक युद्ध : हिरोशिमा-नागासाकी, जानें इससे जुड़े कुछ तथ्य

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    नई दिल्ली : इतिहास के पन्ने पलटकर देखें तो हमे पता चलता है कि दुनिया में एक ऐसा युद्ध हुआ जिसे सुनकर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है।6 अगस्त 1946 एक ऐसा दिन था जब हजारों मासूम द्वितीय युद्ध के शिकार हो गए। जी हां इसी दिन अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम गिराया था जिसका नाम लिटिल बॉय था और इसी युद्ध के बाद 9 अगस्त को जापान के दूसरे शहर नागासाकी पर बम से हमला किया था। आज हिरोशिमा नागासाकी डे के अवसर पर हम आपको उससे जुड़े कुछ फैक्ट्स बताने जा रहे है। 

    इस युद्ध से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें 

    1. लिटिल बॉय यह बेम इतना खतरनाक था कि इस बम के कारण जमीनी स्तर पर लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक गर्मी पैदा हुई थी। इसका ही नतीजा है कि वहां की जमीन सालों बंजर रही 

    2. अमेरिका का प्लान हुआ चौपट, दरसल ये बम गिराने के लिए अमेरिका ने एक जगह तय की थी जिसका नाम था आइयो ब्रिज लेकिन हवाओं का रुख  उलटी दिशा में बदलने के कारण यह बम सर्जिकल क्लिनिक पर जा गिरा। 

    3. आपको बता दें कि युद्ध के बाद जापान के धरती पर सबसे पहले कनेर (ओलियंडर) फूल खिला था जो कि हिरोशिमा का ऑफिशियल फूल था।  

    4. हमला बेहद खतरनाक होने वाला था और आपको बता दें कि हमला होने के पहले यूएस एयरफोर्स ने लोगों को चेतावनी देने के लिए नीचे पर्चे गिराए थे।   

    5. अमेरिका से बी-29 बॉम्बर से परमाणु बम गिराने वाले शख्स का नाम एनोला गे था।  

    6. परमाणु बम का वजन तकरीबन 4000 किलोग्राम तह था। 

    7. इस परमाणु हमले में पुलिसवालों ने एटॉमिक चमक दिखने के बाद बड़ी होशियारी से छुपकर अपनी जान बचाई थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस प्रकिया से जान बचाने को ‘डक एंड कवर’ कहां जाता है।  हमले के बाद पुलिस वालों ने जानकारी दी है की उन्होंने जान बचने के लिए इस प्रक्रिया का उपयोग किया था।  

    8. लॉस एलामोस में मैनहट्टन प्रोजेक्ट के तहत लिटिल बॉय बम को तैयार किया था। 

    9. यह  युद्ध इतना भयावह था की इसमें परमाणु बम के कारण हिरोशिमा शहर के 90 फीसदी डॉक्टर मारें गए थे। इस वजह से घायल लोगों का इलाज जल्द से होना संभव नहीं हो पाया था। 

    10. इस हमले के बाद हिरोशिमा के इंडस्ट्रियल प्रमोशन बिल्डिंग को पीस मेमोरियल के रूप में तब्दील किया गया। 

    11. ये हमला इतना भयानक था की बम के धमाके से 4,000 डिग्री सेल्सियस का तापमान हुआ था और 1005 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी आयी थी। 

    12. इस खतरनाक बम में 6.4 किलोग्राम प्लूटोनियम था। 

    13. आपको बता दें कि अगर 14 अगस्त को जापान सरेंडर नहीं करता तो अमेरिका की और एक नई योजना थी जिसके तहत वो 19 जुलाई को और एक शहर पर परमाणु बम गिराने वाले थे।