नई दिल्ली: कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice Of India) पर किए गए विवादित ट्वीट को लेकर संसदीय समिति ने ट्विटर (Twitter) को फटकार लगाई है. डाटा प्रोटेक्शन को लेकर बनाई संसदीय समिति (Joint committee of Parliament for Data Protection) ने गुरुवार को ट्विटर से पूछा कि, “भारत सरकार के मुख्य न्यायाधीश के बारे में की गई विवादित टिप्पणी को लेकर उसने कॉमेडियन कुणाल कामरा के ट्वीट के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं की?”
A joint committee of Parliament for Data Protection asks Twitter why it has not taken action against the tweets by comedian Kunal Kamra (in file pic) about the Chief Justice of India pic.twitter.com/2JOdKAOAzr
— ANI (@ANI) November 19, 2020
ट्विटर से मंगा सात दिन में जवाब
इस मामले पर संसदीय समिति की प्रमुख और भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी (Minakshi Lekhi) ने कहा, “कुणाल के ट्वीट पर ट्विटर ने कहा कि जब तक अदालत इस तरह के आदेश जारी नहीं करती, तब तक पद नहीं हटाया जा सकता.” उन्होंने कहा, “हमने 7 दिनों में जवाब मांगा है. चूंकि इनके संबंध में भारत में कोई कानून नहीं है, इसलिए हमें ऐसे सेवा प्रदाताओं के शीर्ष अधिकारियों से बात करनी होगी.”
We’ve asked for an answer in 7 days. Since there are no laws in India regarding these, we have to talk to the top executives of such service providers: Meenakshi Lekhi, BJP MP https://t.co/lWRHUE4UKK
— ANI (@ANI) November 19, 2020
क्या है मामला?
ज्ञात हो कि रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक अर्णव गोस्वामी को जमानत देने को लेकर कामरा ने न्यायाधीश चंद्रचूड़ पर विवादित टिप्पणी की थी. कामरा ने ट्वीट में लिखा था, “न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ एक विमान में कर्मचारी की तरह हैं, जो प्रथम श्रेणी के यात्रियों को शैम्पेन परोस रहे हैं। हालांकि, आम जनता को विमान तक पहुंच मिलेगी या नहीं, इसका कोई पता नहीं है.”
दूसरे ट्वीट में कुणाल ने लिखा, वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट और न्यायाधीशों को सम्मानजनक कहना छोड़े, क्योंकि ‘सम्मान’ उस भवन से कब का निकल चुका है. इसके अलावा कुणाल ने अन्य ट्वीट भी किए जिसमें सुप्रीम कोर्ट और भाजपा की आलोचना की गई थी.
कामरा पर अवमानना का केस
उच्चतम न्यायलय के न्यायाधीश पर किए गए विवादित टिप्पणी को लेकर कुणाल कामरा पर आपराधिक अवमानना का मामला दर्ज किया गया है. देश के अटॉर्नी जनरल केसी वेणुगोपाल 12 नवंबर को मामला दर्ज करने की इजाज़त दी थी.