9/11 attacks: PM Modi said – a date that is remembered in the history of the world as an attack on humanity, same date has also taught us humanitarian values
File

Loading

वाराणसी. कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ देश में जगह-जगह हो रहे किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे लेकर विपक्षी दलों पर करारा हमला करते हुए सोमवार को कहा कि ‘‘छल का इतिहास रखने वाले लोग’ नये ‘ट्रेंड’ के तहत पिछले कुछ समय से सरकार के फैसले पर भ्रम फैला रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के खजूरी गांव में छह लेन मार्ग चौड़ीकरण के लोकार्पण अवसर पर संबोधित करते हुए कहा ”पहले सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था, तो उसका विरोध होता था लेकिन बीते कुछ समय से हमें नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। अब विरोध का आधार फैसला नहीं, बल्कि भ्रम और आशंकाएं फैलाकर उसको आधार बनाया जा रहा है।”

उन्होंने कहा ”दुष्प्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है लेकिन पता नहीं इससे आगे चलकर क्या-क्या होगा। फिर कहते हैं कि ऐसा होगा जो अभी हुआ ही नहीं है। जो कभी होगा ही नहीं उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है। ऐतिहासिक कृषि सुधारों के मामले में भी जानबूझकर यही खेल खेला जा रहा है। हमें याद रखना है यह वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है।” मोदी का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब हाल के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसान देश में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”हम गंगाजल जैसी साफ नीयत से काम कर रहे हैं। आशंकाओं के आधार पर भ्रम फैलाने वालों की सच्चाई लगातार देश के सामने आ रही है। जब एक विषय पर इनका झूठ किसान समझ जाते हैं तो ये दूसरे विषय पर झूठ फैलाने में लग जाते हैं। चौबीसों घंटे उनका यही काम है। देश के किसान इस बात को भली-भांति समझते हैं।” उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा, ”जिन किसान परिवारों की अब भी कुछ चिंता है, कुछ सवाल हैं तो उनका जवाब भी सरकार निरन्तर दे रही है, समाधान करने का भरपूर प्रयास कर रही है। आज जिन किसानों को कृषि सुधारों को लेकर कुछ शंकाएं हैं, वो भी भविष्य में इन सुधारों का लाभ पाकर अपनी आय बढ़ाएंगे, यह मेरा पक्का विश्वास है।” मोदी ने पिछली कांग्रेस सरकारों पर प्रहार करते हुए कहा, ”एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) तो घोषित होता था लेकिन एमएसपी पर खरीद बहुत कम की जाती थी। सालों तक एमएसपी को लेकर छल किया गया है। किसानों के नाम पर बड़े-बड़े कर्ज माफी के पैकेज घोषित किए जाते थे, लेकिन वे छोटे और सीमांत किसानों तक यह पहुंचते ही नहीं थे, यानी कर्ज माफी को लेकर भी छल किया गया। किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थी, लेकिन वह खुद मानते थे कि एक रुपये में से सिर्फ 15 पैसे ही किसान तक पहुंचते हैं।”

उन्होंने किसी पार्टी का नाम लिये बगैर आरोप लगाया, ”पहले वोट के लिए वादा और फिर छल, यही खेल लंबे समय तक देश में चलता रहा। जब इतिहास छल का रहा हो, तब दो बातें बड़ी स्वाभाविक हैं। पहली, यह कि किसान अगर सरकारों की बातों से कई बार आशंकित रहता है तो उसके पीछे दशकों का लंबा हल्का इतिहास है। दूसरी बात, यह कि जिन्होंने वादे तोड़े, छल किया, उनके लिए यह झूठ फैलाना एक प्रकार से आदत बन गई है, लेकिन जब इस सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड देखोगे तो सच आपके सामने खुल कर आ जाएगा।” प्रधानमंत्री ने कहा हमने वादा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुरूप किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देंगे, यह वादा सिर्फ कागज पर नहीं बल्कि हमने पूरा किया और इतना ही नहीं किसान के बैंक खाते तक पैसे पहुंचाने का प्रबन्ध किया।

मोदी ने कहा, ”सफल प्रकल्प ही काफी नहीं होता। किसानों को बड़े और व्यापक बाजार का लाभ भी मिलना चाहिए। हमारा देश, दुनिया के बड़े बाजार हमारे किसानों को उपलब्ध कराता है, इसलिए विकल्प के माध्यम से किसानों को सशक्त करने का रास्ता अपनाया गया है, किसान हित में किए गए कृषि सुधार ऐसे ही विकल्प किसानों को देते हैं।” उन्होंने कहा, ”भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर है। क्या किसानों की इस बड़े मार्केट और ज्यादा दाम तक पहुंच होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए? अगर कोई पुराने सिस्टम से ही लेन देन को ठीक समझता है, तो उस पर भी इस कानून में कहां कोई रोक लगाई गई है? नए कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण ही तो दिए गए हैं।”

मोदी ने कहा, ”पहले तो मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी माने जाते थे। ऐसे में छोटे किसानों के साथ अक्सर धोखा होता था, विवाद होते थे क्योंकि छोटा किसान तो मंडी पहुंच ही नहीं पता था। अब ऐसा नहीं है। अब छोटे से छोटे किसान भी मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं, यानी किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और उसे धोखे से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण भी मिला है।” उन्होंने कहा, ”किसानों को प्रकल्प के साथ ही नए विकल्प देने से हमारे कृषि क्षेत्र का कायाकल्प हो सकता है। किसान के लिए विकल्प सरकार का प्रकल्प और दोनों साथ-साथ चलें तभी देश का कायाकल्प हो सकता है।” प्रधानमंत्री ने कहा, ”सरकार के प्रयासों और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से किसानों को कितना लाभ हो रहा है इसका एक बेहतरीन उदाहरण चंदौली का काला चावल है। पिछले साल खरीफ के सत्र में करीब 400 किसानों को यह चावल उगाने के लिए दिया गया था। इन किसानों की एक समिति बनाई गई थी। इसके लिए बाजार तलाश किया गया। सामान्य चावल जहां 35 से 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकता है।

वहीं, यह बेहतरीन काला चावल 300 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। बड़ी बात यह भी है कि काले चावल को विदेशी बाजार भी मिल गया है। पहली बार ऑस्ट्रेलिया को यह चावल निर्यात हुआ वह भी करीब 850 रुपये प्रति किलो के हिसाब से।” मोदी ने कहा, ”किसान को आधुनिक सुविधाएं देने, छोटे किसानों को संगठित करके उनको बड़ी ताकत बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास निरंतर जारी हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से देश के लगभग चार करोड़ किसान परिवारों की मदद मिली है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से लगभग लगभग 47 लाख हेक्टेयर जमीन लघु सिंचाई के दायरे में आ चुकी है। लगभग 77,000 करोड रुपये की सिंचाई परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है।” (एजेंसी)