नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के नगरोटा (Nagrota) में गुरुवार को हुई आतंकी मुठभेड़ (Terrorist Encounter) की वजह से मुंबई जैसा आतंकी हमला होने से टल गया। सुरक्षा एजेंसियों को जांच में पता चला है कि मारे गए आतंकवादियों को मुंबई हमले की बरसी पर वैसे ही बड़े हमले को अंजाम देने के लिए भेजा गया था। इस संबंध में शुक्रवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक भी हुई है। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी शामिल थे। वहीं, बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नाकाम साजिश की बात को लेकर ट्वीट किया।
Neutralising of 4 terrorists belonging to Pakistan-based terrorist organisation Jaish-e-Mohammed and the presence of large cache of weapons and explosives with them indicates that their efforts to wreak major havoc and destruction have once again been thwarted.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 20, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 4 आतंकवादियों को मार गिराया जाना और उनके पास बड़ी मात्रा में हथियारों व विस्फोटकों की मौजूदगी का होना यह संकेत देता है कि वे बहुत बड़े हमले की तलाश में थे, लेकिन उनके प्रयासों को एक बार फिर से विफल कर दिया गया है।”
पीएम ने अगले ट्वीट में लिखा, “हमारे सुरक्षाबलों ने एक बार फिर अत्यंत बहादुरी और प्रोफेशनलिज्म का परिचय दिया है। उनकी सतर्कता के कारण, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर के लोकतांत्रिक प्रयासों को लक्षित करने के लिए एक नापाक साजिश को हराया है।”
Our security forces have once again displayed utmost bravery and professionalism. Thanks to their alertness, they have defeated a nefarious plot to target grassroots level democratic exercises in Jammu and Kashmir.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 20, 2020
बीते दिन नगरोटा में आतंकवादी एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की फिराक में थे। यह बात नगरोटा आतंकी हमले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई एक अहम बैठक में सामने आई। समाचार एजेंसी ने सरकारी सूत्रों के हवाले से पीएम मोदी की बैठक से अहम जानकारी साझा की कि नगरोटा एनकाउंटर में मारे गए आतंकवादी 26/11 के आतंकी हमले की बरसी पर एक बड़े हमले की फिराक में थे। हालांकि, भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा चारों का सफाया कर दिया गया।