PM Narendra Modi in All Party Meeting
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    नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) में कहा कि सरकार संसद में विभिन्न मुद्दों पर स्वस्थ और सार्थक चर्चा को तैयार है।

    संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक में प्रधानमंत्री के कथन को उद्धृत करते कहा कि उन्होंने सदन में विभिन्न दलों के नेताओं से कहा कि सरकार नियमों और प्रक्रिया के तहत उठाए गए मुद्दों पर स्वस्थ और सार्थक चर्चा को तैयार है।

    बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने सदन में विभिन्न पार्टियों के नेताओं से कहा कि देश की स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा के अनुसार, जनता से जुड़े़ मुद्दों को सौहार्द्रपूर्ण महौल में उठाया जाना चाहिए और सरकार को इन चर्चाओं पर जवाब देने का मौका देना चाहिए।

    मोदी ने कहा कि यह सभी की जिम्मेदारी है कि अनुकूल महौल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिधि वास्तव में जमीनी स्थिति को जानते हैं, ऐसे में उनकी इन चर्चाओं में भागीदारी से निर्णय की प्रक्रिया समृद्ध होगी।

    बयान के मुताबिक मोदी ने संसद में स्वस्थ चर्चा का आह्वान किया और सभी दलों के नेताओं से सहयोग मांगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि संसद का सत्र सुचारु रूप से चलेगा और कामकाज होगा। प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी की वजह से जान गंवाने वालों के प्रति भी अपनी संवेदना व्यक्त की।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अधिकतर सांसदों का टीकाकरण हो चुका है, इससे संसद की विधायी कार्यों को और विश्वास से करने में मदद मिलेगी।

    मोदी ने बाद में ट्वीट किया, ‘‘संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक में शामिल हुआ। हम उपयोगी सत्र को देखते हैं जहां पर सभी मुद्दों पर बहस हो सकती है और सृजनात्मक तरीके से चर्चा हो सकती है।’’

    बैठक में विपक्षी पार्टियों ने सरकार की उस पेशकश का विरोध किया जिसमें मंगलवार को संसद भवन एनेक्सी (संसदीय सौध) में दोनों सदनों के सदस्यों को कोविड-19 के मुद्दे पर प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित करने का प्रस्ताव किया गया था। विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि यह संसदीय परंपरा को दरकिनार करने का एक और तरीका है।

    बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने घोषणा की कि मोदी दोनों सदनों के सदस्यों को 20 जुलाई को संबोधित करेंगे और महामारी पर बात करेंगे।

    बैठक में शामिल तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा,‘‘ संसद सत्र चल रहा है, सदन में आएं।’’

    विपक्षी पार्टियों के अन्य सूत्रों ने भी पुष्टि की कि नेताओं ने जोशी की पेशकश को ठुकरा दिया जबकि कुछ ने केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का सुझाव दिया।

    माकपा महसचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी का रुख हमेशा से रहा है कि जब संसद का सत्र चल रहा हो, तो सरकार को जो कुछ भी कहना है, वह सदन के पटल पर कह सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार के लिए करना बहुत ही अनुचित है। जब संसद का सत्र चल रहा है, तब कोई भी संबोधन या प्रस्तुति जो सरकार देना चाहती है, वह संसद के भीतर होनी चाहिए।’’

    All Party Meeting

    ओ ब्रायन ने दावा किया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव, बसपा नेता सतीश मिश्र सहित बैठक में शामिल सभी विपक्षी नेताओं ने संसद के बाहर संबोधन के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।

    सर्वदलीय बैठक में 33 पार्टियों ने हिस्सा लिया। इसमें प्रधानमंत्री ने कहा कि जन प्रतिनिधियों खासतौर पर विपक्ष के सुझाव मूल्यवान हैं, क्योंकि वे चर्चा को समृद्ध बनाते हैं।

    इस बैठक में मोदी के अलावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्यमंत्री जोशी शामिल हुए। बैठक में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक के तिरुचि शिवा, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, बसपा के सतीष चंद्र मिश्र सहित सदन में सभी प्रमुख पार्टियों के नेता उपस्थित रहे। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सहयोगी अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति पारस भी सर्वदलीय बैठक में उपस्थित थे।

    संसद का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है जो 13 अगस्त तक चलेगा। संसद सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल में शामिल नए मंत्रियों का परिचय दोनों सदनों के सदस्यों से कराएंगे। यह परंपरा रही है कि नयी सरकार गठित होने या मंत्रिमंडल विस्तार व फेरबदल होने के बाद प्रधानमंत्री नए मंत्रियों का परिचय दोनों सदनों के सदस्यों से कराते हैं।

    केंद्रीय मंत्रिमंडल में हाल में बड़ा फेरबदल किया गया है। कई नए चेहरे शामिल किए हैं जबकि कुछ मंत्रियों की पदोन्नति कर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। वहीं, कुछ मंत्रियों का मंत्रालय बदला गया है।

    वहीं, कुछ सदस्य हाल में हुए उपचुनाव के बाद लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं और सोमवार को वे सदन के सदस्य के तौर पर शपथ लेंगे। (एजेंसी)