On the war against Corona in India, US President Joe Biden said - sending full range of help urgently
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    नयी दिल्ली: आज भारत (India) और अमेरिका (America) के लिए एक बहुत बड़ा दिन साबित होने वाला है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) आज पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय बैठक का हिस्सा होंगे।जिसपर पूरी दुनिया एकटक अपनी निगाहें लगा कर बैठी होंगी। 

    गौरतलब है कि कोरोना संकट काल, चीन के साथ जारी सीमा विवाद और अन्य अहम् मसलों के बीच आज भारत और अमेरिका के बीच एक अहम बैठक होने जा रही है। बता दें कि आज भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के QUAD ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक है, जिसमें कोरोना, आर्थिक और सामरिक जैसे गहन जरुरी विषयों पर विचार मंथन होगा।

    एक मंच पर होंगे मोदी और बाइडेन:

    विदित हो कि अमेरिका की कमान संभालने के बाद वहां के राष्ट्रपति जो बाइडेन पहली बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ किसी बड़े साझा मंच पर मुखातिबहोंगे। हालांकि, दोनों नेता इसके पहले भी आपस में फोन पर बात कर चुके हैं जब PM मोदी ने जो बाइडेन को राष्ट्रपति बनने की उन्हें बधाई प्रेषित की थी। इसी के चलते अब ना सिर्फ भारत-अमेरिका बल्कि दुनिया की हर मुल्क नज़र इस जरुरी वार्ता मीटिंग पर हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि QUAD मीटिंग में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापानी प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा शामिल होंगे। वहीं भारतीय समयानुसार आज शाम सात बजे ये यह अहम् बैठक शुरू होगी।

    किन मुद्दों पर है बैठक? 

    गौरतलब है कि कोरोना वायरस संकट से उबर रही दुनिया के सामने अब एक बड़ी चुनौती यह है कि कैसे आर्थिक व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाया जाए और चीन के संकट से भी जूझा जाए। इन्हीं विषयों को लेकर अब इस बैठक में महत्वपूर्ण बातचीत होनी है। कोरोना संकटकाल, चीन के बढ़ते नापाक कदम के अलावा क्लाइमेट चेंज जैसे गहन विषयों पर भी विचार मंथन किया जाएगा। जान लें कि  भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के चीन के साथ सीधे तौर पर बहुत अच्छे संबंध कभी भी नहीं रहे हैं। जहाँ अमेरिका और चीन की लंबे वक्त से शीत युद्ध जारी है, तो वहीं भारत के साथ चीन का सीमा विवाद अभी भी पहले जैसा ही जारी है। इसके साथ ही बीते दो वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के साथ भी चीन के संबंध पहले से कुछ बिगड़े हैं।

    हालाँकि यह भी देखने योग्य बात है कि इस बैठक से पहले चीन की ओर से भी यह बयान आया था कि भारत को किसी भी तरह का द्विपक्षीय मुद्दा सिर्फ चीन के साथ ही अपनी सीधे बातचीत में उठाना चाहिए।  इसमें किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच या किसी तीसरे देश को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि लद्दाख विवाद के दौरान अमेरिका ने खुले तौर पर भारत को अपना समर्थन दिया था जिससे चीन बुरी तरह असंतुष्ट हो गया था। खैर आज सम्पूर्ण विश्व की निगाहें इस होने जा रहे महत्वपूर्ण QUAD ग्रुप की बैठक पर होगी।