स्वार्थ सिद्धि के लिए पंजाब में किसानों को गुमराह कर रहे हैं राजनीतिक दल: नड्डा

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नयी दिल्ली. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को आरोप लगाया कि पंजाब में स्वार्थ सिद्धि के लिए राजनीतिक दल किसानों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि हाल ही में लाए गए कृषि सुधार कानून किसानों के हित में दूरगामी असर दिखाने वाले साबित होंगे। पंजाब भाजपा के पूर्व अध्यक्ष कमल शर्मा की याद में आयोजित एक व्याख्यानमाला को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे नड्डा ने राज्य में नम्बर एक पार्टी बनाने का आह्वान किया। 

पंजाब में बहुत प्रतिभा

उन्होंने कहा, ‘‘हमें पंजाब में नंबर एक पार्टी बनने का संकल्प लेकर आगे चलना पड़ेगा। पंजाब में बहुत प्रतिभा है। बहुत ताकत है। हमको सिर्फ अपनी ताकत को पहचानने की जरूरत है। साथ ही पंजाब में शहर के दायरे से निकलकर गांव-गांव तक जाने की जरूरत है। लोग हमारा इंतजार करते हैं, लोग (नरेंद्र) मोदी जी को चाहते हैं, लोग चाहते हैं कि भाजपा की विचारधारा तीव्र गति से पंजाब में बढ़े। हमें उसका वाहक बनना पड़ेगा।”पंजाब में कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को नड्डा ने राजनीतिक बताया और आरोप लगाया कि वहां के राजनीतिक दल किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

गुमराह होने से बचाना भाजपा की जिम्मेदारी

उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीतिक कारणों से कर रहे हैं। इसलिए नहीं कर रहे कि किसान का भला करना है, इसलिए नहीं कि पंजाब का किसान जिसने हरित क्रांति में बहुत बड़ा योगदान किया है उसे सही रास्ता दिखाना है। उन्हें गुमराह करते हुए अपना राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करना है, इसके लिए वह काम कर रहे हैं।” ज्ञात हो कि कांग्रेस के अलावा पूर्व में भाजपा की सहयोगी रही शिरोमणि अकाली दल (शिअद) भी कृषि सुधार कानूनों की जोरदार मुखालफत कर रही है। शिअद नेता हरसिमरत कौर बादल ने तो इन कानूनों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। बाद में शिअद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग भी हो गया। नड्डा ने कहा कि इस परिस्थिति में भाजपा की जिम्मेवारी विशेष हो जाती है कि किसानों को गुमराह होने से बचाया जाए। 

कांग्रेस अब विरोध के लिए राजनीति कर रही

उन्होंने कहा कि बहुत लोगों ने किसान नेता होने का दावा किया, बहुत से नेता ऐसे हुए जो सारा जीवन किसान नेता के रूप में स्थापित रहे लेकिन सही में किसान की तस्वीर और तकदीर बदले, इस दिशा में किसी ने कुछ नहीं किया। नड्डा ने कहा, ‘‘अगर किसी ने किया तो वह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया।” उन्होंने कांग्रेस-नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की तत्कालीन सरकार पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसके सुझावों को भी अमली जामा पहनाने का काम नरेन्द्र मोदी की सरकार ने किया। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कृषि सुधार संबंधी जो वादे किए थे मोदी सरकार ने उन्हें ही पूरा किया है लेकिन कांग्रेस अब विरोध के लिए, विरोध की राजनीति कर रही है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को चुनौती दी कि यदि उनमें राजनीतिक ईमानदारी बची है तो वह स्वीकार करें कि कांग्रेस से गलती हुई।

नड्डा ने कह, ‘‘चित भी मेरी, पट भी मेरी…?।” कृषि कानून किसानों को आजादी दिलाने वाला तथा इस क्षेत्र में दूरगामी असर दिखाने वाला सुधार है। उन्होंने भाजपा नेताओं का आह्वान किया कि वे किसानों से संपर्क करें और उनको गुमराह होने से बचाएं। नड्डा ने कहा, ‘‘भाजपा को किसानों के सवालों का जवाब देना होगा। आप उनसे चर्चाएं करिए। हम चर्चा को हमेशा तैयार रहते हैं। सच्ची बात लोगों को बतानी पड़ेगी। किसानों को बतानी पड़ेगी।” (एजेंसी)