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नई दिल्ली: देश में नोटबंदी (Demonetisation) को आज चार साल पूरे हो गए है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस कदम को काले धन को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने में मदद करने वाला बताया है. रविवार को किए अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री लिखा, “नोटबंदी ने काले धन (Black Money) को कम करने, कर अनुपालन (Increase tax compliance) और औपचारिकता (formalization) बढ़ाने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मदद की है. ये निर्णय राष्ट्रीय प्रगति के लिए बहुत फायदेमंद रहे हैं.”

  

इसी के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने ग्राफ शेयर कर के बताया की किस तरह नोट बंदी ने देश में कर संग्रह, काले धन और आतंकवाद पर रोक लगाई.

कर संग्रह को बढाया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “नोट बंदी के बाद देश में ऑपरेशन क्लीन मनी को लॉन्च किया गया. जिसके बाद 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के स्व-मूल्यांकन कर का भुगतान लक्षित गैर-फिलर्स द्वारा किया गया था. 3.04 लाख लोगों की पहचान हुई जिन्होंने 10 लाख या उससे अधिक की नकदी जमा की थी लेकिन अपना आईटी रिटर्न दाखिल नहीं किया था. उन्होंने कहा, “2.09 लाख ऐसे गैर-फाइलर लोगों की पहचान की गई और उन्होंने 6,531 करोड़ के स्व-मूल्यांकन कर का किया भुगतान.”

बाजार में नोटों की संख्या की सिमित

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “2015-16  देश के अंदर 16.52 लाख करोड़ रुपए के नोट बाजार में थे, जो सालाना १४. 51 प्रतिशत के दर से हर साल बढ़ा रहे थे. अगर नोट बंदी नहीं की जाती तो २०१९ -20 ये बढ़कर २८.४९ लाख करोड़ हो जाती.” उन्होंने कहा, “लेकिन नोट बंदी के वजह से मौजूदा साल में यह केवल 24.20 लाख करोड़ रुपए ही रहीं.” 

नोट बंदी ने  राष्ट्रीय सुरक्षा को किया मजबूत 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “नोट बंदी के वजह से नकली नोटों की कुल संख्या में तेजी से कमी आई है. जारी किए नए नोटों का नकली नोटों को पता लगाने में ज्यादा बेहतर है.” उन्होंने आगे कहा, ” नोट बंदी ने आतंक के वित्तपोषण के स्रोतों और वामपंथी उग्रवाद के वित्तपोषण के लिए रास्ते कम किए गए हैं, राष्ट्रीय-विरोधी गतिविधियों के वित्तपोषण पर ब्रेक लगाने का काम किया है.”