भारत-आसियान की भागीदारी ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित – मोदी

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को 17 वे भारत-आसियान (India-Asian) शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत-आसियान की भागीदारी ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित है. वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने वियतनाम (Vietnam) के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुआन फुक (Nguyen Shuan Phuc) के साथ सह अध्यक्षता की. इस सम्मेलन में एशिया के 10 देश शामिल हुए.

सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत और आसियान की सामरिक भागीदारी हमारी साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित है. आसियान समूह शुरू से हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मूल केंद्र रहा है. भारत के ‘इंडो पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव’ और आसियान के ‘आउटलुक ऑन इंडो पैसिफिक’ के बीच कई समानताएं हैं.”

भारत और आसियान के बीच कनेक्टिविटी मुख्या मुद्दा  

पीएम मोदी ने आगे कहा, “भारत और आसियान के बीच हर प्रकार की कनेक्टिविटी को बढ़ाना – शारीरिक, आर्थिक, सामाजिक, डिजिटल, फाइनेंशियल, मारीटाइम हमारे लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है. पिछले कुछ सालों में हम इन सभी क्षेत्रों में करीब आते गए हैं.”

क्या है आसियान समूह 

दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (Association of Southeast Asian Nations) का गठन 24 फरवरी 1976 में किया गया था. जिसका मुख्य उद्देश्य प्रशांत और एशिया के देशों के बीच राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देना था. इस समूह में वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, ब्रूनेई, कंबोडिया, म्यांमार, फिलीपिंस, लाओस, थाईलैंड और सिंगापूर शामिल है.