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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ उच्च स्तरीय तैयारियों और निरंतर निगरानी की आवश्यकता रेखांकित करते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों को सीरो सर्वेक्षण के साथ-साथ जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कोविड-19 वैक्सीन विकसित किये जाने के साथ-साथ जांच तकनीक, संपर्कों की पहचान, दवा और इसके उपचार इत्यादि की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक के दौरान ये बातें कहीं।

कोरोना टिके की तैयारियों की समीक्षा

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, सहित कई वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारी मौजूद थे। बयान में कहा गया है, “कोविड-19 महामारी के खिलाफ शोध और टीके को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की गई। इस दौरान जांच से जुड़ी तकनीकों, संपर्क का पता लगाना, दवाइयां और उपचारात्मक उपायों की तैयारियों की भी समीक्षा की।”

सीरो सर्वे और जांच गति बढ़ाने के निर्देश

बयान के मुताबिक, “प्रधानमंत्री ने सीरो सर्वे तथा जांच की गति और तेज करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी के लिए सस्ती, सुलभ और त्वरित परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।” बाद में प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘शोध और टीके के विकास से संबंधित विषयों पर समीक्षा बैठक की और वैक्सीन निर्माता तंत्र द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों में सरकार के पूर्ण निरंतर सहयोग का भरोसा दिया।”

भारतीय वैक्सीन निर्माताओं की सराहना

प्रधानमंत्री ने कोविड-19 की चुनौतियों के बीच भारतीय वैक्सीन निर्माताओं और वैक्सीन विकसित करने वालों के सतत प्रयासों के लिए उनकी सराहना की और ऐसे किसी भी प्रयास में सरकार के पूर्ण निरंतर सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि नियामक सुधार एक निरंतर प्रक्रिया है और सभी क्षेत्रों में आगे आने वाले विशेषज्ञों और उभरते क्षेत्रों का नियामक द्वारा सक्रियता से लगातार इस्तेमाल किया जाना चाहिए। समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने वैक्सीन के समग्र वितरण और इसे लोगों तक पहुंचाने के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रबंधों और मौजूदा तंत्र की भी जानकारी ली। इसमें पर्याप्त खरीद, बड़े पैमाने पर इसके भंडारण की तकनीक, अलग-अलग क्षेत्रों तक इसे पहुंचाने तथा लोगों के बीच इसका सुरक्षित वितरण शामिल है। 

प्रधानमंत्री ने पारंपरिक औषधियों से उपचार के प्रमाणीकरण और वैज्ञानिक परीक्षण को तेज़ करने तथा इसमें निरंतरता बनाए रखने की ज़रूरत को भी रेखांकित किया और प्रमाण आधारित शोध शुरू करने तथा विश्वसनीय उपाय उपलब्ध कराने के लिए आयुष मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “भारत न सिर्फ अपने देश के लोगों के लिए बल्कि समूचे विश्व के लिए कोविड-19 के खिलाफ परीक्षण, वैक्सीन और निदान के सस्ते, सुलभ और स्वीकार्य उपायों की दिशा में प्रयासरत है।” 

73.07 लाख हो गई कोरोना संक्रमितों की संख्या

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 67,708 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बृहस्पतिवार को बढ़कर 73.07 लाख हो गई और इनमें से कुल 63,83,441 लोगों के स्वस्थ हो जाने से संक्रमणमुक्त होने की दर बढ़कर 87.35 प्रतिशत हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 73,07,097 हो गए हैं।

अब तक 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत

देश में पिछले 24 घंटे में 680 और लोगों की मौत हो जाने से संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,11,266 हो गई है। हालांकि देश में कोविड- 16 के कारण मृत्यु-दर गिरकर 1.52 प्रतिशत रह गई है। अभी 8,12,390 लोग उपचाराधीन हैं, जो संक्रमित हुए कुल लोगों का 11.11 प्रतिशत है। आईसीएमआर के अनुसार, 14 अक्टूबर तक कुल 9,12,26,305 नमूनों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से बुधवार को 11,36,183 नमूनों की जांच की गई।