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नयी दिल्ली. देश की ढांचागत परियोजनाओं में दीर्घकालिक पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही दुनिया के 15 सबसे बड़े कोषों के साथ बैठक करेंगे। आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कई वैश्विक कोष हैं जो ढांचागत क्षेत्र की अच्छी परियोजनाओं में निवेश करना चाहते हैं। इसके लिए वह सरकार के संपर्क में हैं। ये कोष ऊंचे रिटर्न की इच्छा नहीं रखते बल्कि उन्हें अपने निवेश पर दीर्घकाल तक टिका रहने वाला रिटर्न चाहिए। 

बजाज ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद दुनिया भर के 15 प्रमुख कोषों के साथ बैठक करने वाले हैं। उनके साथ विचार विमर्श होगा और उनके विचार सुने जाएंगे। इसके अलावा बहुपक्षीय और द्विपक्षीय वित्तपोषण एजेंसियों ने भी सरकारी क्षेत्र में रुचि जतायी है। देश में विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं का विस्तार करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिये एक सरकारी कार्यबल ने पांच साल की अवधि में ऐसी परियोजनाओं में कुल मिलाकर 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया है।

कार्यबल ने वर्ष 2019 से लेकर 2025 तक के लिये अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें 7,000 परियोजनाओ की पहचान की गई है। इस कार्यबल का गठन प्रधानमंत्री के 2019 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र के नाम दिये गये संबोधन के बाद किया गया। (एजेंसी)