Dear Dutt supports Pilot, says- 'Congress has lost two very strong leaders'

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नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक के बाद सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है. पार्टी के इस निर्णय पर कांग्रेस के अंदर ही सवाल उठने लगा है. जितिन प्रसाद के बाद मुंबई से सांसद रही प्रिय दत्त ने भी पायलट का समर्थन किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘ एक और दोस्त ने पार्टी छोड़ दी, दोनों सचिन और ज्योतिरादित्य सहकर्मी थे और अच्छे दोस्त थे. दुर्भाग्य से हमारी पार्टी ने 2 बड़े मेहनती और दिग्गज युवा नेताओं को खो दिया है. मेरा मानना है कि महत्वाकांक्षी होना गलत है. उन्होंने सबसे कठिन समय के माध्यम से कड़ी मेहनत की है.’

बतादें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लगातार किये जारहे अनदेखी और सम्मान नही मिलने के वजह से उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बगावत करते हुए 25 विधायकों के साथ दिल्ली पहुँच गए. जिसके बाद गहलोत सरकार संकट में आ गई गई. इस दौरान कई बार कांग्रेस के बड़े नेताओं ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन अपमान से आहत पायलट ने सुलह की संभावना को पूरी तरह बंद करते हुए अपने निर्णय पर अडिग रहे. 

सचिन ने पार्टी के लिए समर्पण के साथ काम किया  
वहीँ पार्टी में साथी रहे जितिन प्रसाद ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘सचिन पायलट सिर्फ एक साथी  नहीं बल्कि मेरे दोस्त हैं. कोई भी इस तथ्य को दूर नहीं कर सकता है कि इन सभी वर्षों में उन्होंने पार्टी के लिए समर्पण के साथ काम किया है. पूरी उम्मीद है कि स्थिति अभी भी मुक्त हो सकती है. दुख की बात यह है कि यह …’

पार्टी के सचिन ने खून पसीना बहाया 
पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने कहा, ‘ पांच साल तक सचिन पायलट ने 2013-18 के बीच कांग्रेस पार्टी के लिए अपना खून, आँसू, और पसीना बहाया. कांग्रेस को 21 सीटों से  100 तक पहुँचाया. हमने उसे केवल एक प्रदर्शन बोनस दिया. हम इतने गुणी हैं. हम इतने पारदर्शी हैं.’

सचिन पायलट ने कहा-‘राम राम सा’
कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए सचिन पायलट ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘ सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।’ वहीं शाम को पायलट ने फिर से ट्वीट कर अपने समर्थकों का साथ देने के लिए ध्यानवाद किया। उन्होंने कहा, ‘ आज मेरे समर्थन में जो भी सामने आए हैं, उन सभी को मेरा हार्दिक धन्यवाद और आभार। राम राम सा!.’