नई दिल्ली/लखनऊ, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर उत्तरप्रदेश में विरोध अपने चरम सीमा पर है। इसी कड़ी में ताजा मामला कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का है जो फिलहाल लखनऊ दौरे परे है। खबरों के मुताबिक कल
नई दिल्ली/लखनऊ, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर उत्तरप्रदेश में विरोध अपने चरम सीमा पर है। इसी कड़ी में ताजा मामला कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का है जो फिलहाल लखनऊ दौरे परे है। खबरों के मुताबिक कल शाम को जब वे पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी के परिवारवालों से मिलने जा रही थी तब रास्ते में कुछ देर के लिए पुलिस ने प्रियंका के वाहनों को रोक लिया था। प्रियंका ने आरोप लगाया कि लखनऊ पुलिस ने उनका गला दबाया और धक्का देकर गिरा भी दिया था ।
Priyanka Gandhi being physically stopped by UP Police while on her way to visit the family of an Ex IPS officer pic.twitter.com/NfW7c13WXn
— Arvind Gunasekar (@arvindgunasekar) December 28, 2019
#WATCH: Congress’ Priyanka Gandhi Vadra says,"UP police stopped me while I was going to meet family of Darapuri ji. A policewoman strangulated&manhandled me. They surrounded me while I was going on a party worker’s two-wheeler,after which I walked to reach there." pic.twitter.com/hKNx0dw67k
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019
प्रियंका के अनुसार वे जब पूर्व पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने के लिए निकलीं. थी। लेकिन लखनऊ पुलिस ने 1090 चौराहे पर उनका काफिला रोक लिया तथा उनके साथ बदसुलूकी की गयी।हालांकि, बयान के कुछ देर बाद प्रियंका उस बयान से पलट भी गईं।प्रियंका गांधी ने कहा कि "मैं दारापुरी की फैमिली से मिलने जा रही थी। पुलिस ने बार-बार मुझे रोका। जब उन्होंने मेरी गाड़ी को रोका और मैंने फिर पैदल जाने की कोशिश की तो मुझे घेर लिया गया और मेरे गले पर हाथ लगाया, मुझे गिरा भी दिया था एकबार"। वहीं प्रियंका ने ये भी कहा कि उन्हें रोकने का कोई औचित्य ही नहीं था क्यूंकि यह मामला एसपीजी का नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस का है"।
प्रियंका गांधी वाड्रा को सदफ जाफर के परिवार का दौरा करने के दौरान रास्ते में रोक लिया गया। सदफ जाफर को CAA का विरोध करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। प्रियंका गांधी ने कहा, "सड़क पर हमें रोकने का कोई मतलब नहीं है। यह एसपीजी का नहीं बल्कि यूपी पुलिस का मुद्दा है।" pic.twitter.com/qij1LvOPBT
Congress General Secretary for UP (East) Priyanka Gandhi Vadra: Main Darapuri ji ki family se milne ja rahi thi. Police ne bar bar roka. Jab gadi ko roka aur maine paidal jane ki koshish ki toh mujhe gher ke roka aur mera gale pe haath lagaya, mujhe gira bhi diya ekbar. pic.twitter.com/TyIqnrKkln
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 28, 2019
उधर पुलिस का इस घटना पर कुछ और कहना है। उनको रोकने वाली यूपी पुलिस की महिला अधिकारी (सीओ, हजरतगंज) अर्चना सिंह ने कहा कि प्रियंका गांधी ने पहले से तय रास्ते से न जाकर दूसरे रास्त पर पहुंच गईं थी। इसके बाद सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनके काफिले को हमें रोकना पड़ा। उन्होंने कहा " कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का जनपद लखनऊ में भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित था, जिसमें मेरी ड्यूटी फ्लीट प्रभारी के रूप में लगाई गई थी. प्रियंका वाड्रा कांग्रेस प्रदेश पार्टी कार्यालय, मॉल एवन्यू से 23/2 कौल हाउस गोखले मार्ग के लिए निकलीं. इस दौरान 1090 चौराहे से निर्धारित मार्ग पर फ्लीट की गाड़ियां जा रही थीं. प्रियंका गांधी वाड्रा की गाड़ी निर्धारित मार्ग पर न जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी.’
महिला अधिकारी ने कहा, "मैंने जानना चाहा कि वो कहां जा रही हैं तो इस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा जानकारी देने से इंकार कर दिया गया"। उन्होंने आगे कहा कि " प्रियंका गांधी फिर गाड़ी से उतर कर पैदल कार्यकर्ताओं के साथ चलने लगीं, जिसके कारन सुरक्षा के मड्डेमाजर उन्हें रोकना पड़ा। सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक बातें (जैसे गला पकड़ना, गिराना आदि) प्रसारित किया जा रहा है जो पूर्णत: असत्य है और भ्रामक हैं। मेरे द्वारा पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से अपनी ड्यूटी का निर्वहन किया गया है।"
Dr Archana Singh, Circle Officer Lucknow: This is not true at all. I was her (Priyanka Gandhi Vadra) fleet in-charge. No one misbehaved with her at all, I only did my duty. I also was heckled with during the incident. https://t.co/YrvWOK6TY0 pic.twitter.com/4RHoOUy9kR
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019
#WATCH Lucknow: Congress General Secretary for UP (East) Priyanka Gandhi Vadra travelled on a two-wheeler after she was stopped by police while she was on her way to meet family members of Former IPS officer SR Darapuri. pic.twitter.com/aKTo3hccfd
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019
वहीं लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने वक्तव्य देते हुए कि आरोप पूरी तरह गलत और मनगढंत हैं। इस संबंध में सीओ एमसीआर डॉ. अर्चना सिंह ने अपनी रिपोर्ट दी है। सीओ अर्चना सिंह ही प्रियंका गांधी के काफिले की प्रभारी थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रियंका गांधी पार्टी दफ्तर से गोखले मार्ग के लिए निकली थीं। लेकिन वे तय रास्ते से न जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी। इस पर जब उनसे बातचीत की गई तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। उनके आरोप गलत हैं।
Kalanidhi Naithini, Lucknow SSP: Singh has also written that whatever rumours are doing rounds on social media of heckling and strangulating Priyanka Gandhi Vadra are wrong. https://t.co/5IsyHvTWdJ
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019
इधर बीजेपी ने इसे प्रियंका गाँधी की नौटंकी करार दिया है। वहीं कांग्रेस ने इसपर पलटवार करते हुए उत्तरप्रदेश सरकार को बर्खास्त कर वहाँ राष्ट्रपति शासन लगाने की पुरजोर मांग की है।आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा भड़काने तथा अन्य आरोप में पुलिस ने पूर्व आईपीएस एस.आर. दारापुरी, सोशल ऐक्टिविस्ट तथा कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जफर को गिरफ्तार किया हुआ है।
लखनऊ: यूपी (पूर्व) की कांग्रेस महासचिव, प्रियंका गांधी वाड्रा पूर्व आईपीएस अधिकारी एस. आर. दारापुरी के परिवार से मिलने पहुंचीं, जिन्हें नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। pic.twitter.com/fbO2EXOE3h
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 28, 2019