FARMERS

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नयी दिल्ली. मोदी सरकार (Narendra Modi) द्वारा लाये गए विवादस्पद कृषि कानून (Farm Laws) को लेकर जहाँ केंद्र सरकार (Central Goverment) और किसान संगठनों (Farmers Association) के बीच बीते बुधवार को छठे दौर की बैठक हुई थी। वहीं कहा जा रहा है कि यह बैठक 50% सफल मानी जा सकती है। गौरतलब है कि MSP और तीनों कृषि कानूनों की वापसी को लेकर फिलहाल कोई सहमति नहीं बनी है। ऐसे में यह साफ़ है कि किसानों का आंदोलन अब आगे भी जारी रहेगा। 

क्या रहा बैठक का हाल:

गौरतलब है कि कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर किसानों (Farmer) और सरकार (Central Government) के बीच सातवें दौर की बातचीत भी बीते बुधवार को खत्म हो गई। बैठक पहली बार सहमति बनते दिखी। अब आगामी 4 जनवरी को अगली बैठक होगी। बैठक के बाद बाहर निकले कृषि मंत्री (Agriculture Bill) नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा था कि, “आज विज्ञान भवन में किसान आंदोलन (Farmer Protest) में शामिल नेताओं के साथ बैठक हुई। बैठक में किसान यूनियन के नेताओं ने जो 4 विषय चर्चा के लिए रखे थे, उनमें से 2 विषयों पर आपसी सहमति सरकार और किसान यूनियनों (Farmer Organizations) के बीच हो गई हैं।”

इस पर कृषि मंत्री ने बताया था कि, “पहला मुद्दा पर्यावरण से संबंधित एक अध्यादेश था। किसान संगठन इसमें किसानों को शामिल किए जाने पर किसान आशंकित थे। जिसको देखते हुए दोनों पक्ष इस अध्यादेश को वापिस लेने में सहमत होगए हैं।” किसानों को लगता है कि अगर बिजली अधिनियम में सुधार किया जाता है, तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। यूनियनें चाहती थीं कि सिंचाई के लिए राज्यों द्वारा किसानों को दी जाने वाली बिजली की सब्सिडी जारी रहे। इस मुद्दे पर भी सहमति बनी।”

क्या है किसान नेताओं का कहना: 

हालाँकि इस बैठक के बाद बैठक के बाद BKU किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया था कि, “सरकार ने हमारी दो मांगों को मान लिया है। बुधवार की बातचीत अच्छी रही, अब चार जनवरी को अगली वार्ता होगी। शांतिपूर्ण ढंग से किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा।” वहीं अब यह भी बताया गया है कि 31 दिसंबर को होने वाली ट्रैक्टर मार्च स्थगित हो गई है। इस पर किसान एकता मोर्चा ने एक सूचना जारी करते हुए कहा है कि ट्रैक्टर मार्च स्थगित जरुर की गई है, लेकिन कैंसिल नहीं।

गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा लाये विवादस्पद कृषि कानूनों के खिलाफ बीते एक महीने से भी ज्यादा समय से हजारों किसान देश की राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमा पर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के किसान हैं।