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    नई दिल्ली: भारत में कोरोना का संकट खत्म होने के नाम नहीं ले रहा है। इन सब के बीच कांग्रेस में फिर घमासान शुरू हो गया है। राजस्थान के बाद अब पंजाब में राजनीतिक संकट (Punjab Political Crisis) अब खड़ा है। चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि अगले साल विधानसभा के चुनाव पंजाब में होने है। पंजाब में मचे सियासी के बीच कांग्रेस आलाकमान एक्शन मोड़ में आ गई है जिससे स्थिति न खराब हो। 

    ज्ञात हो कि कांग्रेस हाईकमान ने सभी विधायकों और मंत्रियों को राजधानी दिल्ली बुलाया है। ये सभी विधायक, मंत्री एक तीन मेंबर्स के पैनल से मुलाकात करेंगे और हालात पर चर्चा करेंगे। साथ ही अपनी परेशानियों को सामने रखेंगे। जानकारी के अनुसार करीब दो दर्जन से अधिक विधायक दिल्ली पहुंचे हैं।  जिसमें प्रदेश अध्यक्ष, मंत्री चरणजीत चन्नी, सुखजिंदर रंधावा सहित कई का समावेश है।  

    उल्लेखनीय है कि चुनाव में कांग्रेस द्वारा किये गए वादों को पूरा ना करने का आरोप लगाते हुए कई कांग्रेस के विधायको ने अमरिंदर सरकार पर सवाल उठाना शुरू किया था।  इन सभी के निशाने पर सीएम हैं। 

    गौर हो कि कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने जो तीन सदस्यीय पैनल बनाया हुआ है उसकी अगुवाई हरीश रावत के पास है। साथ ही मल्लिकार्जुन खड़गे और जेपी अग्रवाल का भी समावेश है। आज से पंजाब कांग्रेस के विधायकों से मिलने का सिलसिला शुरू होगा जहां वे अपनी बात रखेंगे।