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    नयी दिल्ली. इस बार के अपने केरल (Kerala) के दौरे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बीते बुधवार को एक अलग ही अंदाज में नजर आए। जहाँ उन्होंने कोल्लम (Kollam) में मछुआरों से मुलाकात की। वहीं वे फिर उनके साथ समुद्र में मछली पकड़ने भी गए। अपने इस अल्प समय दौरान राहुल ने समुद्र में मछुआरों के साथ डुबकी भी लगाई। वहीं तट पर पहुंचने से पहले राहुल ने करीब 10 मिनट तक समुद्र में तैराकी के मजे लिए।

    चुस्त नीली टी-शर्ट और खाकी पैंट पहने कांग्रेस नेता राहुल दरअसल जब बीच समुद्र में पहुंचे तो उन्होंने मछुआरों को पाने में जाते देख उनका मन ना माना और फिर उन्होंने मस्ती में खुद भी छलांग लगा दी। मछुआरे जाल फेंकने के बाद उसे ठीक से फैलाने के लिए समुद्र में कूद रहे थे। राहुल जब समुद्र में कूदे तो नौका पर उनके साथ उनके सुरक्षा अधिकारी भी मौजूद थे।

    इससे पहले उन्होंने मछुआरों को ‘भाई’ कहकर संबोधित करते हुए कहा कि वह उनके दैनिक जीवन को पास से समझना चाहते थे। यही नहीं राहुल ने यह भी कहा कि वह मछुआरों के जीवन को आसान बनाने के लिए कुछ अच्छा काम करना चाहते हैं। गांधी ने उनसे फिर बात करते हुए कहा, ‘मैं आपके काम को समझता हूं और उसका आदर करता हूं। मैं आपके काम की प्रशंसा करता हूं। कई बार ऐसा होता है कि हम मछली खाते हैं, लेकिन इसके पीछे की कठिन मेहनत को हम कभी समझ ही नहीं पाते हैं और न ही यह समझ पाते हैं कि यह हमारी प्लेट यह स्वादिष्ट भोजन आखिर किसके अथक मेहनतों से पहुंचा। इस दौरान कांग्रेस महासचिव के। सी। वेणुगोपाल और सांसद टी। एन। प्रतापन भी राहुल गांधी के साथ थे। बता दें कि प्रतापन राष्ट्रीय मछुआरा कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं।

    एक घंटे तक राहुल गांधी रहे समुद्र में:

    इस प्रकार राहुल गांधी मछुआरों के साथ उनकी नाव में बैठकर समुद्र में करीब एक घंटे तक घूमते रहे। बता दें कि उन्होंने अपनी यात्रा बीते बुधवार सुबह लगभग साढ़े चार बजे वाड़ी तट से शुरू की और करीब एक घंटे तक समुद्र में ही रहे। वहीं राहुल गांधी ने यह भी कहा कि, “नाव से उतरने से पहले मैंने मछुआरों से पूछा कि उनके बच्चे क्या करते हैं? उन्होंने बताया कि वे मछुआरे नहीं बनना चाहते हैं क्योंकि यह काफी मुश्किल और खतरों से भरा हुआ काम है।” इसके साथ ही साथ ही राहुल ने एक बार फिर मछली पालन मंत्रालय बनाने की बात दोहराई और यह भी कहा कि वह केंद्र सरकार में अब मत्स्य संबंधी एक अलग मंत्रालय बनाने के लिए संघर्ष जरुर करेंगे, ताकि मछुआरा समुदाय को भी अब इन परेशानियों से मुक्ति मिले और उनके हितों की रक्षा हो। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि राहुल गाँधी ने मछुआरों के साथ भोजन का भी आनंद लिया।