नयी दिल्ली. एक तरफ जहाँ मोदी (NarendraModi) सरकार श्रम सुधार विधेयकों को लेकर संसद में विरोध झेल रही है। वहीं अब कांग्रेस (Congress) भी इसके विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रही है। इस मुद्दे पर जहाँ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इसे ‘किसानों के बाद, मजदूरों पर वार’ कहा। वहीं प्रियंका गाँधी (Priyanka Gandhi) ने भी इसे बीजेपी (BJP) सरकार का ‘अत्याचार आसान’ करार दिया है।
क्या कहते है ये नए विधेयक
दरअसल संसद ने बुधवार को तीनों विधेयकों को एक साथ मंजूरी दे दी थी। अब कंपनियों को बंद करने की साड़ी बाधाएं खत्म होंगी। नए प्रावधानों के तहत, अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को निकालने की भी अनुमति होगी।
राहुल -प्रियंका ने घेरा मोदी सरकार को
अब इस मुद्दे पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज सुबह एक ट्वीट में कहा कि, “गरीबों का शोषण, ‘मित्रों’ का पोषण यही है बस मोदी जी का शासन।”
किसानों के बाद मज़दूरों पर वार।
ग़रीबों का शोषण, ‘मित्रों’ का पोषण
यही है बस मोदी जी का शासन। pic.twitter.com/LarCJsj1uY— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 24, 2020
वहीं उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर अपना भारी विरोध दर्ज करते हुए लिखा कि कि “BJP सरकार अब ऐसा कानून लाई है जिसमें कर्मचारियों को नौकरी से निकालना बहुत ही आसान हो गया है।’ यही नहीं उन्होंने एक दैनिक अखबार की रिपोर्ट को रखते हुए करते हुए लिखा कि, “इस कठिन समय की मांग है कि किसी की भी नौकरी न जाए। सबकी आजीविका सुरक्षित रहे। लेकिन जरा BJP और मोदी सरकार की प्राथमिकता देखिए।”
इस कठिन समय की मांग है कि-
किसी की नौकरी न जाए।
सबकी आजीविका सुरक्षित रहे।भाजपा सरकार की प्राथमिकता देखिए-
भाजपा सरकार अब ऐसा कानून लाई है जिसमें कर्मचारियों को नौकरी से निकालना आसान हो गया है।
वाह री सरकार
आसान कर दिया अत्याचारhttps://t.co/aWUjhK6aeN— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 24, 2020
विपक्षी दलों ने भी किया था बहिष्कार
बता दें कि राज्यसभा ने बीते बुधवार को ध्वनि मत से औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा पर शेष तीन जरुरी श्रम संहिताओं को पारित किया था । इस दौरान पहले आठ सांसदों के निष्कासन के विरोध में कांग्रेस, वामपंथी और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने राज्यसभा की कार्रवाई का बहिष्कार किया था । इन तीनों संहिताओं को लोकसभा ने बीते मंगलवार को ही पारित किया था और अब इन्हें आगे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
क्या हैं यह नए कानून ?
बता दें कि इसके पहले सरकार ने 29 से अधिक श्रम कानूनों को चार संहिताओं में मिला दिया था और उनमें से एक संहिता (मजदूरी संहिता विधेयक, 2019) पहले ही पारित कि जा चुकी है। वहीं अब राज्यसभा में बीते बुधवार को पारित हुए विधेयक संहिताएं- ‘उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कार्यदशा संहिता 2020’, ‘औद्योगिक संबंध संहिता 2020’ और ‘सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020’ हैं। इनके तहत अब भी किसी प्रतिष्ठान में आजीविका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा को विनियमित करने, औद्योगिक विवादों की जांच एवं निर्धारण तथा कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा संबंधी अनेक जटिल प्रावधान किये गए हैं।