Assembly session from today, Pilot will sit next to Gehlot, not next to him

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जयपुर. आज राजस्थान कांग्रेस(Congress) विधानसभा सत्र आज से शुरू होने वाला है। मगर क्या सब कुछ क्या जैसा सामान्य दिख रहा है वैसा ही है? शायद नहीं इस बार कुछ अलग भी होगा जैसे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट(SachinPilot) को आज से  विधानसभा में अशोक गहलोत(AshokGahlot) के बगल वाली सीट पर नहीं बैठ पाएंगे। उन्हें अब निर्दलीय विधायक संजय लोढ़ा के बगल में सीट दी गयी है।

खबरों के अनुसार राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी(CP Joshi) द्वारा विधानसभा में विधायकों के बैठने के लिए जो नए नियम जारी हुए हैं, उसके हिसाब से सचिन पायलट की जगह अब संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, मुख्यमंत्री गहलोत(AshokGahlot)  के बगल वाली सीट पर बैठेंगे। चूँकि अब पायलट(SachinPilot) किसी मंत्री पद पर भी नहीं है लिहाजा अब उन्हें परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के पीछे 127 नंबर की सीट उन्हें  दी गई है, जो निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के बगल में ही है।

वहीं सचिन पायलट के साथ ही दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा जिन्हें बर्खास्त भी किया गया था। उन्हें विश्वेंद्र सिंह सबसे आखिरी पंक्ति में 14वें नंबर सीट पर बैठेंगे और इसके साथ ही रमेश मीणा को भी अब दूसरे रूम में पांचवी पंक्ति के 54 नंबर सीट दे दी गई है।

पता हो कि राजस्थान में लगभग एक महीने से जारी सियासी खींचतान के बाद विधानसभा का सत्र शुक्रवार से शुरू होगा। अशोक गहलोत(AshokGahlot) की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने सत्र के दौरान विश्वास प्रस्ताव लाने तो मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की घोषणा की है जिससे विधानसभा का यह सत्र काफी हंगामेदार रहने की संभावना है। विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों के विधायकों की बैठक हुई तो भाजपा व उसके घटक दल ने भी बैठक की।

यही नहीं सचिन पायलट करीब महीने भर बाद जयपुर पहुंचे हैं और उन्होंने स्वयं अशोक गहलोत के घर जाकर उनसे मुलाकात भी की थी। अशोक गहलोत(AshokGahlot) ने भी अपना बड़प्पन दिखाते हुए सचिन पायलट(SachinPilot) का हाथ अपने हाथों में लिया और फिर दोनों नेताओं ने विक्ट्री का साइन बनाया। इस तरह से दोनों नेताओं ने यह तो जाता दिया कि राजस्थान कांगेस में अब सब ठीक है लेकिन यह समझना होगा कि अशोक गहलोत(AshokGahlot) और सचिन पायलट(SachinPilot) दोनों अलग ही दुधारी तलवारें है और फिर दो तलवारें कभी साथ में एक म्यान में नहीं रह सकती फिर ये तो राजनेता हैं जो ताजा-ताजा लड़कर  एक हुए हैं।