Rajasthan incident: Pilot, instead of Gehlot, any third is welcome: Rebel MLA

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जयपुर. जहाँ आज राजस्थान के सियासी उठापटक के बीच राजस्थान हाई कोर्ट 3 अर्जियों पर सुनवाई करेगी। वहीं इस राजनीतिक घमासान के बीच एक ख़ास खबर सूत्रों के द्वारा बहार आ रही है जिसमे कहा जा रहा है कि सचिन पायलट गुट के कुछ विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान को मैसेज भेजा है कि वे पार्टी से बाहर नहीं निकलना चाहते हैं पर यह जरुर है की राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलना चाहिए। इन विधायको का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री पद के लिए अशोक गहलोत और पायलट के अलावा किसी तीसरे विकल्प पर विचार भी स्वागतयोग्य है।

वहीं आज जिन 3 अर्जियों पर कोर्ट सुनवाई करेगी वह इस प्रकार है:

  1. पहली अर्जी  गहलोत और पायलट खेमे के विधायकों के वेतन-भत्ते रोकने कि मांग को लेकर है।
  2. दूसरी अर्जी सचिन पायलट गुट के एमएलए भंवरलाल शर्मा की तरफ से है जिसमे उन्होंने विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में SOG की एफआईआई रद्द कराने के लिए पिटीशन लगाई हुई थी।
  3. तीसरी अर्जी राज्यपाल की ओर से विधानसभा का सत्र नहीं बुलानेको लेकर एक जनहित याचिका है। हालाँकि यह अर्जी वापस ली जा सकती है क्योंकि राज्यपाल कि तरफ से 14 अगस्त से सत्र की मंजूरी मिल चुकी  है। 

इधर गहलोत और पायलट के अलावा किसी तीसरे विकल्प पर विचार करने वाली खबर पर राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने रुख साफ़ करते हुए कहा कि न तो बागी विधायक आलाकमान से मिले, न ही ऐसा कोई मैसेज मिला है। उनका कहना था पार्टी में वापसी के लिए कोई शर्तें नहीं होती है और इन सबके पहले इन बागी विधायकों को आलाकमान से माफी मांगनी होगी तभी कुछ सोचा जा सकता है।

उधर मुख्यमंत्री गहलोत ने सोमवार शाम को यह बयान दिया था की प्रदेश सरकार को  गिराने की तीसरी कोशिश भी हो चुकी है। इस हरकत में 3 केंद्रीय मंत्रियों के अलावा कई नेता शामिल हैं। यही नहीं गहलोत ने केंद्रीय मंत्री और जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए कहा कि “वे नए-नए सांसद बने फिर जल्द ही केंद्र में मंत्री बन गए तो और जल्दबाजी हो गई। अब पार्टी उनके बारे में कितना ही सोच ले परन्तु जनता उन्हें स्वीकार नहीं करेगी। वे स्वयं भी संजीवनी सोसायटी के घोटाले में फंसे हुए हैं और प्रदेश में चुनी हुई सरकार को पलटने की साजिश में जी जान से  जुटे हैं।”

चाहे जो हो लेकिन इतना तो तय है कि गहलोत अपने पत्ते फिलहाल चलने को आतुर हैं वहीं अगर बागी विधायकों में से यह सन्देश आना कि पायलट और गहलोत के बजाए कोई तीसरा विकल्प हो सकता है इन दोनों के लिए ही खतरे कि घंटी साबित हो सकती है। फिलहाल राजस्थान सियासी  घमासान के बीच हाई कोर्ट आज अपनी सुनवाई जारी रखेगी।