जयपुर. करीब एक महीने की बगावत के बाद सचिन पायलट की कांग्रेस में घर वापसी तय हो गई है। अपनी बगावत को पद और प्रतिष्ठा की बात कहने वाले सचिन पायलट ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। कांग्रेस की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया है, जो कि सचिन पायलट की सभी समस्याओं का समाधान करेगी। इन वादों के साथ ही सचिन पायलट मान गए हैं और जल्द ही वो कांग्रेस में किसी बड़े पद पर दिखाई दे सकते हैं।
कल कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सचिन पायलट और उनके साथी विधायकों से विशेष मुलकात की जिसमे सभी कि बातें सुनी गयी और आज प्रियंका से आश्वासन मिलने के बाद आज मंगलवार को सभी विधायक जयपुर वापस लौट सकते हैं । अगर ऐसा रहा तो 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले ही कांग्रेस ने अपने पाले को लगभग दुरुस्त कर लिया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस आलाकमान कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी बात हुई है और अब वो भी हॉर्स ट्रेडिंग मामले में नरमी बरतने को तैयार हैं ऐसा प्रतीत हो रहा है।
वहीं कल राहुल-प्रियंका से मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने मीडिया से रूबरू हुए और उन्होंने कहा कि “पिछले कुछ समय से कुछ विधायक दिल्ली में थे, कुछ ऐसे मुद्दे थे जिन पर हम प्रकाश डालना चाहते थे। मैंने वह किया। मैं शुरू से कह रहा हूं कि ये सभी चीजें सिद्धांत पर आधारित थीं। मैंने हमेशा सोचा कि पार्टी के हित में इन चीजों को उठाया जाना आवश्यक है।” पायलट ने आगे कहा कि , “कई बातें कही गईं, मैंने बहुत सी बातें सुनीं। जो कुछ कहा गया उससे मैं हैरान था। मुझे लगता है कि हमें हमेशा संयम और विनम्रता बनाए रखना चाहिए। राजनीति में व्यक्तिगत द्वेष के लिए कोई जगह नहीं है। हमने 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद राजस्थान में सरकार बनाई थी।” विदित हो कि 14 अगस्त को विधानसभा का सत्र शुरू होना है, पायलट गुट के कुछ विधायक जयपुर लौट आए हैं और कुछ और जल्द ही वापस लौटेंगे।
अब जब पायलट का वापसी का रास्ता तय हो गया है तो कांग्रेस आलाकमान इस मुद्दे पर वैचारिक मंथन कर रहा होगा कि सचिन पायलट को केंद्रीय नेतृत्व में कोई ऐसा पद दिया जा सके जिससे वह सन्तुष भी हों और पार्टी में उनकी सम्मानजनक वापसी भी हो। वहीं देखना यह भी है कि ऐसे में राजस्थान में अशोक गहलोत कब तक मुख्यमंत्री कि कुर्सी में विराजमान रहेंगे क्योंकि कहा जा रहा है की सचिन पायलट के करीबियों को मंत्रिमंडल में बड़ा पद मिलने कि सम्भावना है और खुद पायलट को भी तो मुख्यमंत्री पद का आश्वासन मिला है।
इन सबके बीच आज बीजेपी कि भी बैठक होनी है क्योंकि वो भी तो सचिन पायलट कि आड़ में राजस्थान में सरकार बनाने के सपने संजो रही थी जो कि अब शायद टूट गया है। फिर अब उन्हें वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों को भी सम्हालना है जो पहले ही अपने अलग बगावती तेवर दिखा रहे हैं।