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नयी दिल्ली. अभी आ रही ख़बरों के अनुसार एक लम्बी बिमारी के बाद अन्तः केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) का आज शाम को निधन (Death) हो गया है। इस बात कि पुष्टि करते हुए उनके बेटे और एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने ट्वीट में लिखा कि, ” पापा…अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। Miss you Papa।”

विदित हो कि केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। कुछ दिन पहले ही उनके दिल का एक  एक ऑपरेशन भी हुआ था। यह बात भी चिराग पासवान ने ही ट्वीट कर शेयर की थी। चिराग पासवान ने ट्वीट किया था कि , “पिछले कई दिनों से पिता जी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। कल (शनिवार) शाम अचानक उत्पन्न हुई परिस्थितियों की वजह से देर रात उनके दिल का ऑपरेशन करना पड़ा।”

एक कुशल राजनेता थे रामविलास पासवान, सोनिया गाँधी भी थी कायल 

गौरतलब है कि रामविलास पासवान देश के छह प्रधानमंत्रियों की कैबिनेट में मंत्री रहे थे । राजनीति की बारीक नब्ज पर उनकी पकड़ इस कदर थी कि वे  कि वोट के एक निश्चित भाग को इधर से उधर शिफ्ट करा सकते थे मतलब वे जनता कि नब्ज कि समझ रखते थे । यही कारण है कि वह राजनीति में हमेशा एक प्रभावी सारथि कि भूमिका निभाते रहे। इनके राजनीतिक कौशल का ही प्रभाव था कि उन्हें UPA में शामिल करने के लिए सोनिया गांधी खुद चलकर उनके आवास पर उन्हें रजामंद करने गयी थी गई थीं। 

लालू प्रसाद कहते थे उन्हें मौसम विज्ञानी

यह बात भी दिलचस्प है कि 1996 से 2015 तक केन्द्र में सरकार बनाने वाले समस्त  राष्ट्रीय गठबंधन चाहे वह UPA हो या NDA, वे जरुर उसका  हिस्सा रहे । इसी कारण लालू प्रसाद ने उनको ‘मौसम विज्ञानी’की संज्ञा दी थी । रामविलास पासवान खुद भी इस बात को स्वीकार करते थे कि वह जहां रहते हैं सरकार उन्ही कि या उसी पक्ष की बनती है। इसके माने यह है कि बदलते राजीतिक मौसम का पुर्वानुमान लगाने में वे अति माहिर थे। वे समाजवादी पृष्ठभूमि के बड़े नेताओं में से एक थे। देशभर में उनकी पहचान राष्ट्रीय नेता के रूप में भी हमेशा रही। हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से वह कई बार चुनाव जीते, लेकिन दो बार उन्होंने सबसे अधिक वोट से जीतने का रिकॉर्ड भी यहीं से बनाया। 

2009 में लोकसभा चुनाव  हार गए थे पासवान 

रामविलास पासवान 2004 के जहाँ लोकसभा चुनाव जीते, वहीं  2009 में हार गए। इसके पश्चात 2009 में पासवान ने लालू प्रसाद की पार्टी RJD के साथ गठबंधन किया। वहीं पूर्व गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को छोड़ दिया। 33 वर्षों में पहली बार वे हाजीपुर से जनता दल के रामसुंदर दास से चुनाव हार गए थे । यही नहीं उनकी पार्टी LJP 15वीं लोकसभा में कोई भी सीट जीतने में सफल नहीं हो सकी। इसके साथ ही उनके गठबंधन के साथी और उनकी पार्टी भी कोई विशेष अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और 4 सीटों पर ही सिमट गई थी। उस समय लालू के सहयोग से वह राज्यसभा में जैसे तैसे पहुंच गये। इसके बाद हाजीपुर क्षेत्र से 2014 के चुनाव में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वह फिर से NDA में आये और संसद में पहुंकर फिर मंत्री बने। उसी चुनाव में उनके सुपुत्र  चिराग पासवान  भी पहली बार जमुई से सांसद बने।   

हवा का रुख पहचानने कि क्षमता थी पासवान में 

रामविलास पासवान देश के सबसे अनुभवी नेताओं और कुशल राजनेता में से एक थे। जहाँ उनके पास 5 दशक से भी ज्यादा का संसदीय अनुभव था जिसके चलते वे 9 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा सांसद भी रहे थे । उन्हें राजनीति में हवा का रुख पहचानने की अद्भुत क्षमता थी। कभी वे कांग्रेस की सत्ता के खिलाफ इमरजेंसी के दौरान  जेल गए तो आगे उसी की अगुवाई वाली UPA सरकार में वे मंत्री भी रहे। यह भी प्रासंगिक है कि  कभी बीजेपी उनकी नीतियों का विरोध करती थी लेकिन आगे जाकर इसी  NDA की सरकार में यही पासवान उनके मंत्री भी रहे।

 

उनके दो बड़े फैसले 

अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने दो बड़े फैसले किये थे । वे थे –

  • हाजीपुर में रेलवे का जोनल कार्यालय खुलवाना 
  • केन्द्र में अंबेडकर जयंती पर छुट्टी घोषित करवाना 

कब कब बने केंद्रीय मंत्री 

  • 1989 में पहली बार केन्द्रीय श्रम मंत्री बने. 
  • 1996 में रेल मंत्री का कार्यभार मिला. 
  • 1999 में संचार मंत्री का कार्यभार. 
  • 2002 में कोयला मंत्री का बड़ा मंत्री पद .
  • 2014 में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री का महत्वपूर्ण ओहदा. 
  • 2019 में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री फिर मोदी के साथ और उनके ख़ास.

रामविलास का व्यक्तिगत जीवन

ख़बरों के अनुसार रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 में हुआ था। उनका पैतृक गांव अब खगड़िया जिले के अलौली स्थित शहरबन्नी गांव है। उनकी शादी 1960 में राजकुमारी देवी के साथ सादे समारोह में हुई थी। बाद में 1981 में उन्होंने अपनी पत्नी को तलाक देकर साल1983 में रीना शर्मा से  दूसरी शादी  की। उनकी इन दोनों पत्नियों से तीन पुत्रियां और एक पुत्र है। उन्होंने कोसी कॉलेज खगड़िया और पटना यूनिवर्सिटी में से अपनी पढ़ाई पूर्ण की थी । पटना विश्वविद्यालय से उन्होंने MA और लॉ ग्रेजुएट की डिग्री ली। वह नॉनवेज बहुत पसंद करते थे और मछली उनकी पहली पसंद थी। 

इस प्रकार से देखा जाए तो रामविलास पासवान एक अत्यंत गुणी और कुशल राजनेता थे। अपनी राजनीति के दौरान उन्होंने अनेकों पड़ाव देखे और अपने सूझबुझ और लगन से उन्होंने अनेकों बड़े पदों पर कार्य किया। आज उनके निधन से भारत को खासकर बिहार को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है। रामविलास पासवान अमर रहे।