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    भुवनेश्वर.  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) नौ दिवसीय रथ यात्रा उत्सव के दौरान पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Rath Yatra) के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों की लेजर स्कैनिंग करेगा। यह जानकारी श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने रविवार को दी। कुमार ने बताया कि पुरी स्थित 12वीं शताब्दी के मंदिर के संरक्षण की जिम्मेदारी संभालने वाले एएसआई ने मंदिर प्रशासन से मंदिर की लेजर स्कैनिंग का अनुरोध किया था।

    उन्होंने कहा, ‘‘सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद, एएसआई को गर्भगृह को छोड़कर नट मंडप, जगमोहन और मंदिर के अन्य हिस्सों में लेजर स्कैनिंग करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया।” कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि गर्भ गृह के संबंध में निर्णय लेजर स्कैनिंग के लाभों का विश्लेषण करने के बाद लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेवादारों की एक समिति बनाई गई है, जिनकी मौजूदगी में मंदिर में लेजर स्कैनिंग की जाएगी।

    कुमार ने मंदिर के दरवाजों पर चांदी की परत चढ़ाने को लेकर कहा कि एक दानकर्ता की मदद से आठ द्वारों पर काम किया जाएगा। मंदिर प्रशासन को यह काम खत्म करने की कोई जल्दी नहीं है क्योंकि इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। सूत्रों ने बताया कि मंदिर के दरवाजों पर चांदी की परत चढ़ाने के लिए आवश्यक चांदी भगवान जगन्नाथ के मुंबई स्थित एक भक्त ने दान दी थी। चांदी के पैकेट शुक्रवार को श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन कार्यालय पहुंचे। इससे पहले, एएसआई की एक टीम ने मंदिर का दौरा किया था और पाया था कि प्राचीन मंदिर की संरचनाओं की स्थिति का पता लगाने के लिए लेजर स्कैनिंग की आवश्यकता है।