महाराष्ट्र: मंत्रिमंडल विस्तार पर फडणवीस का तंज, संजय राउत भी असंतुष्ट

मुंबई, महाराष्ट्र का राजनीतिक घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जहाँ एक तरफ विगत सोमवार को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। वहीं अब राजनीतिक गलियारों इस बात को लेकर काना-फुसी शुरू हो गयी

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मुंबई, महाराष्ट्र का राजनीतिक घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जहाँ एक तरफ विगत सोमवार को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। वहीं अब राजनीतिक गलियारों इस बात को लेकर काना-फुसी शुरू हो गयी है कि इस विस्तार के बाद अघाड़ी के कई नेता विशेषकर शिवसेना के कुछ कद्दावर नेता भारी रूप से असंतुष्ट है। वहीं शिवसेना सांसद संजय राऊत की एक फेसबुक पोस्ट से नई चर्चा छिड़ गई है कि क्या संजय राऊत पार्टी से नाराज चल रहे हैं? वहीँ दूसरी तरफ बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने तंज कसते हुए कहा है कि शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार मुंबई के ‘मातोश्री’ से नहीं अपितु ‘दिल्ली के मातोश्री’ से चला करेगी । विदित हो कि उद्धव ठाकरे के मुंबई स्थित घर को ‘मातोश्री’ कहा जाता है।श्री फडणवीस ने महा विकास अघाड़ी गठबंधन में युति सहयोगी कांग्रेस नेतृत्व के भरी दखल को लेकर यह तंज कसा है।

आपको बता दें कि विगत सोमवार को महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है जिसमें अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाया गया है और आदित्य ठाकरे भी इस मंत्रिमंडल के नए सदस्य हैं। पवार के अलावा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने भी सोमवार को कैबिनेट मंत्री की शपथ ली थी । एनसीपी नेता और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वाल्से पाटिल, विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व नेता धनंजय मुंडे और विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता विजय वडेट्टीवार ने भी शपथ ली थी। इस शपथ ग्रहण में एन मौके पर शिवसेना के ही तेज़तर्रार और कद्दावर नेता संजय राउत के भाई सुनील राउत की इस कैबिनेट में कोई भी जगह नहीं बनी थी। ख़बरों के अनुसार उनका नाम लिस्ट में शामिल था पर वह शपथ ग्रहण के ठीक पहले काटा गया।

 
सूत्रों के अनुसार इसी के चलते संजय राउत थोड़े असंतोष हुए हैं जिसका सबूत उनका ट्वीट है जिसमें उन्होंने लिखा है कि हमेशा ऐसे व्यक्ति को संभाल के रखिये, जिसने आपको ये 3 भेंट दी हों, साथ, समय और समर्पण। इस पोस्ट से साफ तौर पर यही लग रहा है कि राऊत की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से दूरियां थोड़ी बढ़ गई हैं। 
 
इधर देवेंद्र फडणवीस भी अपने राजनीतिक पैंतरे खेल रहे हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता ने पालघर जिला परिषद के चुनाव अभियान के दौरान एक रैली में उन्हें यह कहते सुना गया कि महाराष्ट्र की यह सरकार ‘मातोश्री’ से नहीं, बल्कि ‘दिल्ली के मातोश्री’ से नियंत्रित होगी। हालाँकि उन्होंने बयान में किसी का नाम नहीं लिया था ।सूत्रों के अनुसार फडणवीस का यह तंज शिवसेना को नाराज़ कर सकती है । वहीं अपने वाक्-युद्ध को जारी रखते हुए,उन्होंने उद्धव ठाकरे के इस बयान पर भी टिपण्णी करते हुआ कहा कि उन्होंने अपने दिवंगत पिता बाला साहब ठाकरे से वादा किया था कि वह शिवसैनिक को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाएंगे। अब अगर बाल ठाकरे को पता चलेगा कि चुनाव के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिल गई है, तो वह स्वर्ग में रो रहे होंगे। 
 
उन्होंने शिवसेना पर जनादेश के साथ और चुनाव पूर्व अपने सहयोगी बीजेपी से भी ‘विश्वासघात’ करने का आरोप लगाया। देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि मंत्रियों के चयन के बाद शिवसेना नेताओं और कार्यकर्ताओं में भरी असंतोष बढ़ा है। वहीं, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने तो पार्टी कार्यालय में भी उत्पात मचाया और तोड़फोड़ की थी ।उन्होंने, उद्धव ठाकरे द्वारा किसान ऋण योजना की घोषणा पर तंज कसते हुए कहा कि यह किसानों की आंख में धूल झोंकने के अलावा और कुछ भी नहीं है। इसमें कई शर्तें लगा दी गई हैं, जिससे राज्य के करीब 60 लाख किसान इस योजना के लाभ से वंचित रह जायेंगे। 
 
इसपर उपमुख्यमंत्री अजित पवार का कहना है कि मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नए मंत्रियों की जिम्मेदारी शीघ्र ही तय कर दी जायेगी। इस पर उनकी चर्चा मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे से हो गयी है। वहीं मंत्रियों के पोर्टफोलियो से कांग्रेस और एनसीपी में नाखुशी के सवाल पर श्री पवार ने यह स्पष्ट किया कि विभाग बंटवारे पर गुरुवार को आदेश जारी हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी इससे दुखी नहीं है। विदित ही कि उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्री-मण्डल विस्तार के बाद प्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी कलह की खबर भी आ रही है। जहाँ सुना जा रहा है कि कई विधायकों ने मंत्रीपद नहीं मिलने पर नाराज हैं, वहीं मंत्री पद पाने वाले नेता भी अपने पोर्टफोलियो को लेकर खासे असंतुष्ट हैं ।
 
इसपर उपमुख्यमंत्री अजित पवार का कहना है कि मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नए  मंत्रियों की जिम्मेदारी शीघ्र ही तय कर दी जायेगी। इस पर उनकी चर्चा मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे से हो गयी है। वहीं मंत्रियों के पोर्टफोलियो से कांग्रेस और एनसीपी में नाखुशी के सवाल पर श्री पवार ने यह स्पष्ट किया कि विभाग बंटवारे पर गुरुवार को आदेश जारी हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी इससे दुखी नहीं है।

विदित ही कि उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्री-मण्डल  विस्तार के बाद प्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी कलह की खबर भी आ रही है। जहाँ सुना जा रहा है कि कई विधायक मंत्रीपद नहीं मिलने पर नाराज हैं, वहीं मंत्री पद पाने वाले नेता भी अपने पोर्टफोलियो को लेकर खासे असंतुष्ट हैं ।