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कोच्चि.  केरल (Kerala) के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर (Sabrimala Temple) में कोरोना (Corona) महामारी के बीच अगले महीने शुरू होने जा रही वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए अदालत द्वारा नियुक्त अधिकारी ने कतार लगने से रोकने, बच्चों और बुजुर्गों की यात्रा पर रोक लगाने के साथ-साथ श्रद्धालुओं के लिए कोरोना (Corona) निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य करने की सिफारिश की है।

केरल उच्च न्यायालय में दाखिल अपनी रिपोर्ट में सबरीमाला विशेष आयुक्त एम मनोज ने कहा कि 16 नवंबर से शुरू हो रहे तीर्थ सत्र के दौरान भीड़ प्रबंधन को लेकर खतरा है जब दो महीने की अवधि में लाखों लोग पहाड़ी पर स्थित तीर्थ स्थल पहुंचेंगे। रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि इस खतरे से बचने के लिए अधिकारियों को दुकानों, होटलों, पेयजल आपूर्ति, शौचालय और कर्मचारियों के निवास में स्वच्छता सुनिश्चित करनी चाहिए। हाल में दाखिल रिपोर्ट में ‘‘ …कोविड-19 जांच रिपोर्ट में संक्रमणमुक्त होने के प्रमाण पत्र को अनिवार्य करने का सुझाव दिया गया है।” गौरतलब है कि केरल सरकार ने 28 सितंबर को घोषणा की थी कि वह भगवान अयप्पा के मंदिर के लिए वार्षिक तीर्थयात्रा का आयोजन कराने के लिए कदम उठा रही है और कोविड-19 नियमों को कड़ाई से लागू किया जाएगा।