Refusal to hear PIL seeking not to stop incoming calls during Kovid-19

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 नयी दिल्ली.  दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के दौरान ऑपरेटर ‘इनकमिंग कॉल’ बंद ना करें यह सुनिश्चित करने का निर्देश ट्राई और दूरसंचार विभाग (डीओटी) को देने की मांग वाली जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनावाई करने से इनकार करते हुए कहा कि अदालतें किसी और की कीमत पर चैरिटी नहीं कर सकतीं। उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ दूरसंचार कम्पनियों को भी पैसा चाहिए। अदालतें किसी और की कीमत पर चैरिटी नहीं कर सकतीं।” मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ का रुख देखते हुए याचिकाकर्ता ने अनुरोध पर जोर ना देने का फैसला किया। याचिका कानून के छात्र प्रियतम भारद्वाज ने दायर की थी।

अदालत ने कहा, ‘‘ याचिकाकर्ता रिट याचिका पर जोर नहीं दे रहे हैं। इस पर जोर नहीं दिए जाने के कारण इसका निस्तारण किया जाता है। कानून के छात्र भारद्वाज ने अपनी याचिका में कहा था कि टेलीकॉम कम्पनियों के रिचार्ज ना करा पाने पर इनकमिंग कॉल्स और मैसेजे बंद करने से उन लोगों को काफी तकलीफ हो रही है जो मौजूदा परिस्थितियों में उस पर पैसा खर्च नहीं कर पा रहे हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस संबंध में उसने मई में दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और दूरसंचार विभाग से भी सम्पर्क किया था लेकिन उसकी ओर से काई जवाब नहीं मिला।