Supreme court
सुप्रीम कोर्ट (File Photo)

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    नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने आईएनआई सीईटी 2021 परीक्षा के लिए 16 जून की तरीख तय करने के फैसले को शुक्रवार को ‘‘मनमाना” बताया और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को पीजी मेडिकल की प्रवेश परीक्षा एक महीने बाद कराने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने परास्नातक मेडिकल में दाखिला चाहने वाले डॉक्टरों की याचिका पर यह निर्देश दिया और मामले का निस्तारण कर दिया।

    याचिका में आईएनआई सीईटी 2021 परीक्षा के लिए 16 जून की तारीख तय करने वाली अधिसूचना को चुनौती दी गई थी। पीठ ने कहा, ‘‘जिन परिस्थितियों का उल्लेख किया गया, उन्हें देखते हुए आईएनआई सीईटी की परीक्षा के लिए 16 जून, 2021 की तारीख तय करना मनमाना और भेदभावपूर्ण है। ऐसा इसलिए भी, क्योंकि संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और बोर्ड परीक्षाएं समेत अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गयी हैं।” उसने कहा, ‘‘इसलिए उक्त नोटिस को रद्द किया जाता है। आईएनआई सीईटी को 16 जून, 2021 से कम से कम एक महीने के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया जाता है।”

    डॉक्टरों, भारतीय चिकित्सा संघ और मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क (छत्तीसगढ़ चैप्टर) की ओर से वरिष्ठ वकील अरविंद दातार और वकील तन्वी दुबे ने कहा कि परीक्षा कराने का निर्णय अनुचित और मनमाना है क्योंकि केवल 19 दिन पहले ही अभ्यर्थियों को सूचित किया गया। दातार ने कहा कि 16 जून की तिथि तय करने का 27 मई, 2021 का नोटिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी उस बयान की भावना के विरुद्ध है जिसमें नीट-पीजी की परीक्षा को चार महीने के लिए टाल दिया गया ताकि कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त मानव शक्ति जुटाई जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘डॉक्टरों को 100 दिन की कोविड ड्यूटी करनी थी और उन्हें प्रमाणपत्र तथा सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।” दातार ने कहा, ‘‘कई अभ्यर्थियों के लिए अपनी ड्यूटी के स्थान से परीक्षा केंद्र पहुंचना अगर असंभव नहीं तो अत्यंत मुश्किल जरूर होगा।”

    एम्स की ओर से वकील दुष्यंत पाराशर ने दातार की दलील का विरोध किया और कहा कि परीक्षा वर्ष में दो बार होती है और अगर किसी को समस्या है तो वे नवंबर में होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा की सूचना-पत्रिका एक मार्च को जारी कर दी गयी थी और देश के 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 139 शहरों में परीक्षा होनी है। पाराशन ने दलील दी कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में नीट-पीजी के संबंध में फैसला लिया गया था, आईएनआई सीईटी के संबंध में नहीं।

    उन्होंने पिछले साल कोविड-19 की पहली लहर के दौरान लिए गए शीर्ष अदालत के फैसले का जिक्र किया जिसमें कई प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन की अनुमति दी गयी थी। पीठ ने पाराशर से कहा कि पिछले साल हालात इस वर्ष से अलग थे। आईएनआई सीईटी 2021 परीक्षा पहले आठ मई को होनी थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे 16 जून को कराने का फैसला लिया गया। राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (आईएनआई-सीईटी) एमडी/एमएस/एमसीएच (6 वर्ष)/डीएम (6 वर्ष)/एमडीएस जैसे परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा है। इसका आयोजक एम्स, दिल्ली है। (एजेंसी)