नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) का तांडव लगातार जारी है। रोजाना लाखों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं, जिसके वजह से स्थिति बिगड़ती जार ही है। एक ओर जहां लगातार मामले बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कोरोना के इलाज में महत्वपूर्ण माने जाने वाली रेमडेसिविर (Remediesvir) इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही है। इंजेक्शन की हो रही कालाबाजारी पर केंद्र सरकार (Central Governemnt) सख्त हो गई है। गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन (Harsh Vardhan) ने ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
कोरोना के कम मामलों के वजह से उत्पादन कम
रेमेडिसविर की देश में हुई कमी के सवाल पर जवाब देते हुए हर्षवर्धन ने कहा, “रेमेडिसविर की कमी इसलिए हुई क्योंकि इसका उत्पादन कम हो गया था क्योंकि COVID19 के मामले कम हो रहे थे। हमारे ड्रग कंट्रोलर और मंत्रालय ने हितधारकों के साथ बैठक की और निर्माताओं को उत्पादन को मजबूत करने के लिए कहा है।”
DGCI करे कड़ी कार्रवाई
वहीं अब इंजेक्शन की हो रही कालाबाजारी पर स्वास्थय मंत्री ने कहा, “ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने रेमेडिसवियर की कालाबाजारी की किसी भी शिकायत पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जो लोग लोगों का शोषण कर रहे हैं और दवा की कृत्रिम कमी पैदा कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
देश में टीके की कमी नहीं
राज्यों द्वारा टीके की कमी और आपूर्ति पर उठाए सवाल पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “टीकों की कोई कमी नहीं है और भारत सरकार हर राज्य को टीके देती है। यह राज्यों का काम है कि वे टीकाकरण केंद्रों पर समयबद्ध तरीके से टीकाकरण की खुराक प्रदान करें।”
3500 से कम कीमत में मिलेगा इंजेक्शन
रेमेडिसविर की कमी को लेकर केंद्रीय कैमिकल मंत्री मनसुख मंडाविया ने 12-13 अप्रैल को इंजेक्शन बनाने वाली कंपनियों के प्रमुख से उत्पादन बढ़ाने और कीमत को कम करने के लिए बातचित की है।
जिसकी जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा, “भारत सरकार ने रेमेडिसविर दवा के उत्पादन, आपूर्ति और कीमतों को कम करने का फैसला किया है। इससे विनिर्माण क्षमता लगभग 80 लाख शीशियों/माह तक बढ़ जाएगी। इस सप्ताह के अंत तक रेमेडिसवियर के निर्माता इंजेक्शन की कीमत 3500 रुपये से कम कर सकते हैं